संजय राउत का बड़ा दावा, ‘एकनाथ शिंदे को CM बनाना चाहते थे उद्धव ठाकरे लेकिन शरद पवार
शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत ने बुधवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे साल-2019 चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे को सीएम बनाना चाहते थे लेकिन पहले बीजेपी और बाद में शरद पवार समेत एमवीए के सहयोगी ने काम बिगाड़ दिया। बीजेपी ने शिवसेना के साथ सीएम पद साझा करने के वादे को पूरा नहीं किया, इसलिए शिंदे उस वक्त सीएम बनने से चूक गए।
शरद पवार और अजित पवार ने शिंदे के सीएम बनने का किया विरोध…
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से सीएम के पद को लेकर गठबंधन तोड़ दिया था और महाविकास अघाड़ी का निर्माण किया और फिर सीएम बने। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, संजय राउत ने कहा कि शिंदे सीएम बनना चाहते थे लेकिन एमवीए के शीर्ष नेतृत्व ने उनके अंदर में काम करने से इनकार कर दिया था। यह शरद पवार और अजित पवार थे जिन्होंने शिंदे के सीएम बनने का विरोध किया था।
हाल में शरद पवार ने की थी शिंदे की तारीफ…
बता दें कि हाल ही में शरद पवार ने एकनाथ शिंदे की तारीफ की थी जो कि शिवसेना-यूबीटी को पंसद नहीं आई। शिंदे ने साल -2022 में उद्धव ठाकरे से बगावत करके अलग गुट बना लिया था और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। वहीं, बिना उद्धव ठाकरे का नाम लिए शिंद ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना का विभाजन सीएम पद के लालच में हुआ। आपने अपने सहयोगियों के साथ ऐसे व्यवहार करना शुरू किया जैसे वे आपके नौकर हैं. एक पार्टी इस तरह से विकास नहीं करती।
संजय राउत के दावे को नितेश राणे ने किया खारिज…
संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे साल-2019 में शिंदे को सीएम बनाना चाहते थे। शिंदे को शिवसेना के विधायक दल का नेता बनाया गया था जो कि इस बात का संकेत था कि वह सीएम प्रत्याशी होंगे। हालांकि शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने इस बयान का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि साल-2019 में उद्धव ठाकरे ने शिंदे का नाम लिया और पार्टी विधायकों से कहा कि वह चाहते हैं कि शिवसेना का सामान्य कार्यकर्ता सीएम बने लेकिन रातोंरात चीजें बदल गईं। वहीं, बीजेपी नितेश राणे ने कहा कि यह संजय राउत थे जो सीएम बनने का सपना पाले हुए थे। विधायकों को कॉल भी किए गए थे और केवल पांच-छह विधायक ही समर्थन में आए थे।