एमएलसी चुनाव परिणाम से पहले ही मुख्य विपक्षी पार्टी सपा में भितरघात करने का लगने लगा आरोप, प्रतापगढ़ में एक जिला पंचायत सदस्य को सपा ने पार्टी से छह वर्ष के लिए किया निष्कासित
सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव की रिपोर्ट को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दी तवज्जों, मंगरौरा प्रथम से जिला पंचायत सदस्य संजय पटेल को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने तत्काल प्रभाव से छः वर्ष के लिए पार्टी से कर दिया, निष्कासित
प्रतापगढ़। चुनाव हो और जनपद प्रतापगढ़ में सबकुछ शांति से निपट जाए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। लोकसभा चुनाव और जिला पंचायत चुनाव में सपा को प्रतापगढ़ से जोर का झटका धीरे से लगा। विधानसभा में सपा सुप्रीमों प्रतापगढ़ से कम से कम चार सीट जीतने का मंसूबा पाल रखे थे। परन्तु दो पर ही उन्हें संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद सूबे में 36 सीटों पर एमएलसी का चुनाव शुरू हो गया। सत्ताधारी दल भाजपा 9 सीटों पर निर्विरोध करा लेने में सफल रही और 27 सीटों पर चुनाव हुए। उन 27 सीटों में एक सीट प्रतापगढ़ की भी रही जो सपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही। वर्ष-1998 से प्रतापगढ़ के एमएलसी पद पर राजा भईया ने जिसे चाहा उसे एमएलसी बनाया। चार बार तो उनके खास अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ही एमएलसी रहे और एक बार जब वर्ष-2004 में अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” समाजवादी पार्टी के टिकट से सांसद निर्वाचित हो गए तो आनन्द भूषण सिंह “बब्बू राजा” को राजा भईया निर्विरोध एमएलसी निर्वाचित कराया था। यानि पाँच बार के चुनाव में दो बार निर्विरोध तो तीन बार सविरोध चुनाव में राजा भईया का जादू जिले में चला।
एमएलसी चुनाव-2022 के मतदान के बाद ही सपा में भितरघात का आरोप लगना शुरू हो गया है। जनपद में एक जिला पंचायत सदस्य को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह कार्यवाही समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने यूपी विधान परिषद के चुनाव में हुए भितरघात को देखते हुए की है। बता दे कि मंगरौरा प्रथम से जिला पंचायत सदस्य सपा नेता संजय पटेल को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने तत्काल प्रभाव से छः वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बात अभी यही नहीं खत्म हुई, सपा ने अभी 5 भितरघाती नेताओं को भी चिन्हित किया है। सपा एमएलसी चुनाव में बैकवर्ड ट्रंप कार्ड के रूप में विजय यादव को इसलिए प्रत्याशी के रूप में चुना ताकि पट्टी विधानसभा में पिछड़ी जाति में एकता और मजबूती बनी रहे। उसमें विखराव न आ सके। सपा सुप्रीमों को पता था कि उसका उम्मीदवार धनबल और बहुबल में बहुत कमजोर है, परन्तु उन्हें पिछड़ी जाति पर पार्टी की पकड़ बनाए रखने के लिए विजय यादव पर दांव लगाना पड़ा। चूँकि विधानसभा चुनाव में सात विधानसभा सीटों पर सिर्फ कुंडा में गुलशन यादव को टिकट दिया गया था और प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर एक भी यादव को उम्मीदवार नहीं बनाया गया था, जबकि पटेल/कुर्मी/वर्मा जाति से दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे और संयोग से दोनों सफलता पाकर विधायक बने।
सपा सुप्रीमों को तो पता ही था कि वह एमएलसी प्रत्याशी विजय यादव को लगड़ी घोड़ी समझ कर उन पर दांव लगाये हैं। परन्तु एमएलसी चुनाव में पार्टी में भितरघात हो और वह सपा सुप्रीमों बर्दाश्त करें, ऐसा नहीं हो सकता। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव अभी से संसदीय चुनाव की तैयारी शुरू कर दिये हैं। उसी परिपेक्ष्य में जनपद प्रतापगढ़ में पार्टी के अंदर भितरघातियों को चिन्हित कर उन पर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव कार्रवाई करने का कार्य शुरू कर दिए हैं। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भईया से तल्खी के बीच एमएलसी के चुनाव में विजय यादव को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा। एमएलसी चुनाव प्रचार के दौरान कुछ सपाई नेताओ द्वारा जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” के पक्ष में प्रचार करने की रिपोर्ट सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजी थी। इस पर सपा नेता मंगरौरा प्रथम से जिला पंचायत सदस्य संजय पटेल को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने तत्काल प्रभाव से छः साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के बाद एमएलसी के चुनाव में भी कई जिम्मेदार पदाधिकारी विरोधी प्रत्याशियों से मिल गए। ऐसे एक और जिला पंचायत सदस्य सहित पांच लोगों को चिह्नित कर साक्ष्य सहित उनकी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजी गई है, अभी संजय पटेल छः साल के लिए निष्कासित किए गए हैं। बाकी के भितरघातियों पर भी जल्द कार्यवाही होगी।