16.40 करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं देख भड़क उठे यूपी के स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, अफसरों को जमकर लगाई फटकार
प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव ने दवा कम्पनियों से 70 लाख रूपये से अधिक की दवा बहुत कम मूल्य में उस समय खरीद ली थी,जब वह एक्सपायर होने को थी…
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने शुक्रवार 20 मई 2022 को राजधानी में यूपी मेडिकल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के गोदाम में छापेमारी कर 16.40 करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं बरामद की। इसमें दिल की दवा टेल्मिसर्टन, आई ड्रॉप, ग्लूकोज की बोतलें और कोरोना की दवाएं कूड़े की तरह पड़ी मिली। जिस गोदाम में मरीजों के लिए दवाएं रखी हैं, वहां धूल-मिट्टी देखकर उप मुख्यमंत्री भड़क गए। उन्होंने कहा कि मरीजों के लिए खरीदी गई दवाएं, यहां कूड़े के ढेर की तरह पड़ी हैं। उन्होंने मामले की तत्काल जांच के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए और अधिकारियों को तीन दिन के भीतर मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया।
यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा राज्य भर के अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवाएं वितरित करने के लिए दवाएं भेजी जाती हैं। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मौके पर मौजूद अधिकारियों और कर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इन दवाओं को अस्पतालों में क्यों नहीं भेजा गया। यदि दवाएं एक्सपायर हो रही थीं तो उन्हें अनुबंध के तहत कंपनियों को क्यों नहीं लौटाया गया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान की गई कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई। मौके पर मौजूद सभी साक्ष्यों को एकत्र कर कागजातों को जब्त कर लिया। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग की सचिव प्रांजल यादव भी मौके पर मौजूद थीं। सूबे का स्वास्थ्य महकमें में सड़ान्ध आ रही है। फिनायल डालकर पोंछा मारने से भी उसकी दुर्गन्ध जाने वाली नहीं है। वहां लगातार साफ सफाई की आवश्यकता है।
मेरे लिहाज से यूपी में आज की सबसे बड़ी और भयानक खबर स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जी द्वारा मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन के गोदाम पर छापा मारना है। गोदाम में 16.40 करोड़ की एक्सापायर्ड दवाएं मिलीं हैं। सीधी सी बात है, यह दवाएं एक्सापायर्ड सिर्फ इसलिए हुई कि इन्हें समय से अस्पतालों को सप्लाई नहीं किया गया। ऐसे ही हालात होते हैं तब अस्पतालों में मरीजों के लिए बाहर की दवाएं लिखने का खेल होता है। डिप्टी सीएम पाठक जी ने तत्काल जांच के आदेश दिये। मौके पर वीडियोग्राफी भी कराई है। डॉक्यूमेंट भी जब्त किए हैं और 3 दिन में जांच रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के एक IAS को साथ लेकर छाप मारा है।
सवाल ये है कि क्या सचमुच इस मामले में किसी का बाल बांका हो पायेगा। मंत्री जी ने कार्रवाई के लिए 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है, हम तो 13 दिन भी इंतजार कर सकते हैं। कायदे से चाहिए तो ये कि साढ़े 16 करोड़ की दवाओं का खेल करने वाले दोषियों के घर पर बुल्डोजर चले। ये सब के सब जेल जाएं और इनसे वसूली भी हो। पता तो करिये कि स्वास्थ्य विभाग में और न जाने कितने घपले-घोटाले इससे बड़े-बड़े मिलेंगे हुजूर। स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अफसर आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति गैर जिम्मेदाराना कार्य करते रहते हैं। कमीशनखोरी के चक्कर में दवा कम्पनियों से स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अफसर दवा की खरीददारी करते हैं और कभी-कभी तो ऐसे भी भ्रष्ट अफसर देखने को मिल जाते हैं जो धन कमाने के चक्कर में कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। प्रतापगढ़ जनपद में तैनात सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव उन्हीं में से एक है। लगभग 70 लाख रूपये की दवा एक्सपायर होने से कुछ माह पहले कम मूल्य में दवा कम्पनियों से खरीदने के बाद चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली ने इस भ्रष्टाचार में सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हुए तो उनके ऊपर सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव इतना दबाव बनाया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह जिला अस्पताल में दम तोड़ दिए थे।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गोदाम में उपलब्ध दवाओं का ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। जिस तरह से उन्हें दवाओं के पैकेट बिखरे हुए और दवाइयों आदि के सामान अस्त-व्यस्त मिले, उससे आशंका जताई जा रही है कि निगम द्वारा खरीदी जाने वाली दवाओं की मात्रा में भी खेल किया गया है। ऑडिट रिपोर्ट में सब कुछ सामने आ जाएगा। उपमुख्यमंत्री की नजर पेटियों के बीच रखे दवाओं के बड़े पैकेट पर पड़ी। उन्होंने पूछा यह क्या है? स्टाफ ने बताया कि पार्सल है। यह गुणवत्ता जांच करने के लिए गोदाम में बनी इकाई में डाक के माध्यम से आया था। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि अगर यह गोदाम में धूल खायेगा तो किन दवाओं की जांच होगी। कर्मियों ने बताया कि गुणवत्ता जांच विभाग में ताला बंद था, इसलिए पार्सल यहीं रखा था। स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा है कि यह जनता के पैसे की बर्बादी की गई है। इस मामले में एक-एक पाई की वसूली अफसरों से कराऊंगा। यह साढ़े 16 करोड़ का खेल करने वाला कोई एक नहीं, कई होंगे, उसमें कुछ अति बड़े घाघ भी होंगे।