सिविल जज रवि दिवाकर को धमकी भरे पत्र से पहले आयी थी, इंटरनेशनल कॉल
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि दिवाकर को धकमी भरे पत्र से पहले एक इंटरनेशनल कॉल आयी थी। इंटरनेशनल कॉल 29 मई को आयी थी। पूरे मामले की गोपनीय जांच की जा रही थी। पत्र की बात सामने आने के बाद मामले का खुलासा हुआ है। इस मामले में एक पत्र भी सामने आया है जो जज रवि दिवाकर ने अपर मुख्य सचिव गृह को लिखा था और अनजान कॉल के बारे में जानकारी दी थी। जज रवि कुमार दिवाकर को धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इससे पहले जज रवि दिवाकर को मंगलवार को इस्लामिक आजाद मूवमेंट नामक संस्था की ओर से धमकी भरा पत्र मिला था। ये पत्र काशिफ अहमद सिद्दीकी ने भेजा है। इसकी जानकारी उन्होंने शाम को गृह सचिव को दी थी और इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। मामले में वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि जज दिवाकर को रजिस्टर्ड डाक द्वारा एक पत्र मिला है, जिसमें कुछ और कागज संलग्न है, इसकी जानकारी उनकी ओर से दी गयी है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के पुलिस उपायुक्त वरुणा को इस मामले की जांच सौंपी गई है। जज की सुरक्षा में कुल नौ पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और जिला जज की सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। समय-समय पर उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है।
जज दिवाकर को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है। पत्र में लिखा गया है, अब जज भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं।फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है, फिर आपकी पत्नी और माता श्री को डर कैसा है। आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। बता दें कि सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने ज्ञानवापी के सर्वे का फैसला सुनाते समय भी अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने कहा था कि साधारण केस में भी डर का माहौल बनाया गया। यह डर इतना है कि मेरे परिवार को मेरी और मुझे अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता रहती है।