चौदह माह बाद विवादों में रहने वाले प्रतापगढ़ के सदर एसडीएम को रिटायरमेंट होने से एक सप्ताह पहले हटाकर डीएम दफ्तर किया गया सम्बद्ध
संवैधानिक पद पर आसीन जिम्मेदार जनता का सेवक कैसे बन जाता है, तानाशाह
प्रतापगढ़। माह जुलाई, 2023 में सदर एसडीएम रहे शैलेन्द्र कुमार वर्मा के अवकाश पर चले जाने से तत्कालीन जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने प्रमोटी होने के कारण प्रमोटी एसडीएम को अधिक महत्व देते हुए प्रभारी सदर एसडीएम के रूप में उदय भान सिंह को चार्ज सौंपा था। उदय भान सिंह सबसे कमासुत एसडीएम में गिने जाते थे और एक जिलाधिकारी को एक ऐसा ही एसडीएम की आवश्यकता भी होती है। क्योंकि बिना धन के कोई भी कार्य नहीं होता। एसडीएम सदर उदय भान सिंह के रिटायरमेंट होने से 15 दिन पहले डीएम प्रतापगढ़ की तिकड़ी टूट गई और सीआरओ राकेश गुप्ता का तवादला हो गया और उनकी तिकड़ी टूट गई।
एसडीएम सदर उदय भान सिंह पर जमीन के कारोबार करने वाले प्रापर्टी डीलरों से वसूली करने का लगता रहा आरोप
हालांकि जब अवकाश से वापस एसडीएम शैलेन्द्र वर्मा आये तो उन्हें रानीगंज एसडीएम बना दिया गया। तब तक सदर एसडीएम उदय भान सिंह अपना सिक्का जमा चुके थे और सदर तहसील में एक सूत्रीय कार्यक्रम धन वसूली का चलने लगा था। सदर एसडीएम उदय भान सिंह के सबसे बड़े पैरोकार मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश गुप्ता रहे, जिनका अभी कुछ दिन पहले तवादला हो गया। एसडीएम सदर की बहुत सारी शिकायत हुई, परन्तु मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश गुप्ता ढाल बनकर उनकी मदद करते रहे और उनका भरपूर बचाव भी करते रहे। डीएम प्रतापगढ़ को मैनेज करने का काम सीआरओ राकेश गुप्ता ही करते थे।
विवादों में रहने वाले एसडीएम सदर, उदय भान सिंह डीएम प्रतापगढ़ के सबसे चहेते उप जिलाधिकारियों में से एक रहे
इस बीच जिलाधिकारी प्रतापगढ़ का शासन ने निलम्बन कर दिया और प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी के रूप में संजीव रंजन तैनात किये गए। डीएम संजीव रंजन को भी एसडीएम उदय भान सिंह रास आ गए। बहुत विरोध के बाद भी जिलाधिकारी संजीव रंजन सदर एसडीएम को नहीं हटाये और अधिवक्ताओं का भारी विरोध झेलते रहे। कई दिनों तक तो कलेक्ट्रेट में डीएम संजीव रंजन को भी अधिवक्ताओं ने बैठने नहीं दिया। जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन का एसडीएम सदर उदय भान सिंह के प्रति यह प्रेम चर्चा का विषय भी बना। लोग एक दूसरे से सवाल करते थे कि आखिर इतने भ्रष्ट एसडीएम उदय भान सिंह को जिलाधिकारी प्रतापगढ़ कैसे हजम कर रहे हैं ?
प्रतापगढ़ की सदर तहसील में सदर एसडीएम और तहसीलदार सदर का एक साथ हुआ, तवादला
जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन ने एसडीएम सदर उदय भान सिंह को रिटायरमेंट होने से एक सप्ताह पहले सदर एसडीएम पद से हटाकर अपने ही कार्यालय में सम्बद्ध कर लिया। प्रतापगढ़ की सदर तहसील में सदर एसडीएम और तहसीलदार का एक साथ तवादला हुआ है। एसडीएम उदय भान सिंह की माह सितम्बर में सेवा समाप्त है और उनके स्थान पर किसी न किसी की तैनाती होनी थी, परन्तु वह अपने कार्यकाल का सेवा विस्तार कराने के लिए जुआड़ लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़े थे। उसके लिए उन्होंने सारे हथकंडे अपनाये, परन्तु उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
एसडीएम शैलेन्द्र वर्मा और तहसीलदार अरविंद कुमार दोनों अधिकारी सदर तहसील में दे चुके हैं, सेवा
पूर्व में सदर एसडीएम रहे शैलेन्द्र कुमार वर्मा पर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन ने एक बार फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें सदर तहसील का एसडीएम बनाया है। एसडीएम शैलेंद्र कुमार वर्मा को लालगंज तहसील से हटाकर सदर तहसील का एसडीएम बनाया गया और सदर तहसीलदार अजय संतोषी को रानीगंज तहसीलदार बनाया गया है। रानीगंज तहसीलदार अरविंद कुमार को सदर तहसील में एक बार फिर से कमान मिली है। एक साल पहले अरविंद कुमार को सदर तहसील से हटाकर रानीगंज तहसील का तहसीलदार बनाया गया था। एसडीएम शैलेन्द्र वर्मा और तहसीलदार अरविंद कुमार दोनों अधिकारी सदर तहसील में रह चुके हैं।
सदर एसडीएम के पास विनियमित क्षेत्र का रहता है, प्रभार और मानचित्र स्वीकृत करने एवं प्लाटिंग के कार्य में होती है, जमकर धन उगाही
सदर तहसील में तहसीलदार अरविंद कुमार के जाने के बाद विनय द्विवेदी तैनात किए गए, परन्तु उन्हें प्रतापगढ़ रास नहीं आया तो लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद वह अपना तवादला प्रयागराज में करा लिए और उनके स्थान पर तहसील सदर में तहसीलदार के पद पर अजय संतोषी को तैनात किया गया। परन्तु अजय संतोषी बहुत ही ढीले ढाले स्वभाव के रहे। उनकी बात सदर तहसील के अधिवक्ताओं से नहीं बनी तो अजय संतोषी को रानीगंज तहसील का तहसीलदार बनाया गया। इस तरह एक बार पुनः दोनों अधिकारियों की सदर तहसील में तैनाती हुई है। वहीं लालगंज एसडीएम “न्यायिक” नैनसी सिंह को लालगंज एसडीएम पद के निर्वहन की भी जिम्मेदारी दी गई है।