एंटी करप्शन टीम ने 10,000 की रिश्वत लेते दरोगा को दबोचा, पुलिस कर्मियों में हड़कंप
कानपुर देहात। रूरा थाने में तैनात दरोगा को दस हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ एंटी करप्शन टीम ने धर दबोचा। आरोपी ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट या नाम निकालने के लिए महिला से रुपयों की मांग की थी। भ्रष्टाचार निवारण संगठन कानपुर क्षेत्र की इंस्पेक्टर अर्चना शुक्ला ने बताया कि रूरा थाने में बीती 22 अगस्त को कारी कलवारी प्रेमाधाम के पास स्थित एक गेस्ट हाउस में तेरहवीं संस्कार के दौरान प्रसाद ग्रहण करते वक्त मारपीट हुई थी। जिसका मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में कुलदीप, ललिता, सीता व लक्ष्मी को आरोपी बनाया गया था। कुलदीप सेना में और वर्तमान में जम्मू में तैनात है।
आरोपी ललिता द्वारा कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया कि मुकदमा फर्जी है। वहीं मामले में आरोपी लड़कियों में से एक का सलेक्शन एसएससी जीडी में हो गया है। जिस कारण ललिता बार-बार विवेचक से मुकदमें में एफआर लगाने या नाम निकालने के लिए कह रही थी। मुकदमे के विवेचक उपनिरीक्षक यशपाल सिंह ने ललिता से मुकदमे में एफआर लगाने/नाम निकालने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की थी। फिर यह बात दस हजार रुपये में तय हुई।
पैसे मांगने की शिकायत ललिता ने एंटी करप्शन से की थी। बुधवार की दोपहर ललिता अपनी बहन के साथ थाने पहुंची और दरोगा यशपाल को रुपये दिए। तभी पहले से मुस्तैद एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को रंगे हाथ पकड़ लिया और अकबरपुर कोतवाली ले गई। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से थाने में हड़कंप मच गया। बुधवार को दरोगा यशपाल को रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। एंटी करप्शन टीम की इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।