सूबे में पहली बार विधान परिषद यानि उच्च सदन में भाजपा को मिला प्रचंड बहुमत, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी सपा का नहीं खुला खाता
प्रतापगढ़, वाराणसी और आजमगढ़ विधान परिषद् सदस्य की सीटों पर बीजेपी की हुई हार…
उत्तर प्रदेश में आज MLC चुनाव 2022 के नतीजे आ गए हैं। MLC चुनाव के नतीजों में बीजेपी फायदे में रही है। लेकिन तीन सीटों पर उसे निर्दलीय प्रत्याशियों ने झटका दिया है। बता दें कि कुल 27 एमएलसी सीटों पर 95 उम्मीदवार मैदान में थे। यूपी विधान परिषद में कुल 36 सीटें हैं। इसमें से 9 सदस्य पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी को विधान परिषद चुनाव में 3 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़ा झटका वाराणसी में लगा है, जहां पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर हैं। यह सबसे बड़ा झटका इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यह पीएम मोदी की संसदीय सीट है। वाराणसी में माफिया डॉन बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल की है। आजमगढ़ में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। यहां भाजपा से ही निकाले गए पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा प्रतापगढ़ सीट पर भी भाजपा को हार मिली है। यहां राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” को जीत मिली है।
किस सीट पर कितना प्रतिशत हुआ था, मतदान…???
सभी 27 सीटों के लिए बीते 9 अप्रैल को मतदान हुआ था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार-
मुरादाबाद-बिजनौर सीट पर 97 %,
रामपुर-बरेली सीट पर 97.37 %,
पीलीभीत-शाहजहांपुर में 97.38 %,
सीतापुर-99.20 %,
लखनऊ-उन्नाव में 98.90 %,
रायबरेली-99.35 %,
प्रतापगढ़-99.25 %,
सुल्तानपुर-98.77 %,
बाराबंकी-99.16 %,
बहराइच-98.91 %,
गोंडा-98.28 %,
फैजाबाद-98.44 %,
बस्ती-सिद्धार्थनगर-97.18 %,
गोरखपुर-महाराजगंज-96.50 %,
देवरिया-98.11 %,
आजमगढ़-मऊ-98.42 %,
बलिया-98.25 %,
गाजीपुर-98.88 %,
जौनपुर-98.28 %,
वाराणसी-98.52 %,
इलाहाबाद-97.96 %,
झांसी-जालौन-ललितपुर-98.90 %,
कानपुर-फतेहपुर-97.20 %,
इटावा फरूर्खाबाद-96.65 %,
आगरा-फिरोजाबाद-98.06 %,
मेरठ-गाजियाबाद-97.43 % तथा
मुजफ्फरनगर-सहारनपुर सीट पर 96.69 % मतदान हुआ
यूपी एमएलसी चुनाव, कौन, कहाँ से मारी बाजी…???
1- मुरादाबाद-बिजनौर सतपाल सैनी (बीजेपी)
2- रामपुर-बरेली महाराज सिंह (बीजेपी)
3- पीलीभीत-शाहजहांपुर घोषणा बाकी
4- सीतापुर पवन सिंह चौहान (बीजेपी)
5- लखनऊ-उन्नाव रामचंद्र प्रधान (बीजेपी)
6- रायबरेली दिनेश प्रताप सिंह (बीजेपी)
7- प्रतापगढ़ अक्षय प्रताप सिंह (राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक)
8- सुल्तानपुर शैलेन्द्र प्रताप सिंह (बीजेपी)
9- बाराबंकी अंगद कुमार सिंह (बीजेपी)
10- बहराइच-श्रावस्ती प्रज्ञा त्रिपाठी (बीजेपी)
11- आजमगढ़-मऊ विक्रांत सिंह रिशु पुत्र यशवंत सिंह (निर्दलीय)
12- गाजीपुर विशाल सिंह चंचल (बीजेपी)
13- जौनपुर बृजेश सिंह प्रिंशू (बीजेपी)
14- वाराणसी अन्नपूर्णा सिंह पत्नी बृजेश सिंह माफिया डॉन (निर्दलीय)
15- इलाहाबाद (प्रयागराज) डॉ. केपी श्रीवास्तव (बीजेपी)
16- झांसी-जालौन-ललितपुर रमा निरंजन (बीजेपी)
17- कानपुर-फतेहपुर अविनाश सिंह चौहान (बीजेपी)
18- इटावा-फर्रुखाबाद प्रांशु दत्त (बीजेपी)
19- आगरा-फिरोजाबाद विजय शिवहरे (बीजेपी)
20- मेरठ-गाजियाबाद धर्मेंद्र भारद्वाज (बीजेपी)
21- मुजफ्फरनगर-सहारनपुर घोषणा बाकी
22- गोंडा अवधेश कुमार सिंह (बीजेपी)
23- फैजाबाद (अयोध्या) हरिओम पांडे (बीजेपी)
24- बस्ती-सिद्घार्थनगर सुभाष यदुवंश (BJP)
25- गोरखपुर-महाराजगंज सीपी चंद (बीजेपी)
26- देवरिया-कुशीनगर डॉक्टर रतनपाल सिंह (बीजेपी)
27- बलिया रविशंकर सिंह पप्पू (बीजेपी)
सत्ताधारी दल भाजपा के 9 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए थे…
1. लखीमपुर खीरी से बीजेपी ने अनूप गुप्ता को मैदान में उतारा था। सपा की ओर से अनुराग पटेल उम्मीदवार थे लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया। इससे अनूप गुप्ता यहां से निर्विरोध निर्वाचित हो गए।
2. बुलंदशहर-गौतमबुद्ध नगर विधान परिषद क्षेत्र में सपा को दलबदल के चलते नुकसान हुआ है। यहां सपा के नेता नरेंद्र भाटी चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार बना दिया। भाटी निर्विरोध विधायक चुन लिए गए हैं।
3. बांदा में 5 प्रत्याशियों का नामांकन खारिज किया गया। इसके बाद बीजेपी के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह सेंगर निर्विरोध चुनाव जीत गए।
4. एटा से बीजेपी ने आशीष यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था। आशीष यादव निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं।
5. मथुरा सीट पर सपा ने दो प्रत्याशियों पर दांव लगाया था। उदयवीर सिंह और राकेश यादव उसके प्रत्याशी थे, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते जिला प्रशासन ने दोनों के ही पर्चे खारिज कर दिए। इसके बाद बीजेपी के ओम प्रकाश सिंह निर्विरोध चुन लिए गए।
6. बदायूं में बीजेपी के वागीश पाठख को जीत मिली है। उनके खिलाफ खड़े सपा प्रत्याशी सिनोद कुमार शाक्य ने अपना नाम वापस ले लिया था।
7. हरदोई में भी सपा उम्मीदवार रजिउद्दीन ने अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद बीजेपी के अशोक अग्रवाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया।
8. अलीगढ़-हाथरस सीट पर बीजेपी और एसपी में खींचतान देखने को मिली थी। सपा ने जसवंत सिंह यादव को इस सीट से प्रत्याशी बनाया था। बीजेपी ने सिंह के 3 प्रस्तावकों पर आपत्ति जताई थी। बाद में सिंह का नामांकन ही रद्द कर दिया गया और उनके सामने खड़े बीजेपी के चौधरी शिवपाल सिंह निर्विरोध चुन लिए गए। जसवंत सिंह मौजूदा एमएलसी हैं।
9. मिर्जापुर-सोनभद्र सीट पर तीन प्रत्याशी थे। सपा के प्रत्याशी रमेश सिंह थे, जिन्होंने आखिरी समय में अपना नाम वापस ले लिया था। एक निर्दलीय प्रत्याशी प्रेमचंद भी चुनावी मैदान में थे। उनके नामांकन पत्र में कई कमियां सामने आई थीं, जिसके बाद उनका पर्चा निरस्त कर दिया गया था। दोनों प्रत्याशियों के मैदान से हटने के बाद बीजेपी के श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह निर्विरोध एमएलसी चुन लिए गए।