दिव्या पाहुजा की कैसे हुई हत्या और फिर किस तरह शव लगाया ठिकाने, जानें केस की पूरी कहानी
गुरुग्राम। हरियाणा पुलिस ने शनिवार को गुरुग्राम की पूर्व मॉडल और मारे गए गैंगस्टर संदीप गाडोली की प्रेमिका दिव्या पाहुजा की हत्या मामले में एक और गिरफ्तारी की है। पकड़ा गया शख्स वह है, जिसने हथियार सप्लाई किया था। उसी हथियार से मुख्य आरोपी ने दिव्या की हत्या की थी। 27 साल की मॉडल दिव्या पाहुजा की हत्या गुरुग्राम के एक होटल में हुई थी। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान रोहतक निवासी 37 वर्षीय परवेश के रूप में हुई है। दिव्या की कथित तौर पर 2 जनवरी को होटल सिटी पॉइंट के मालिक अभिजीत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जहां वह रह रही थी। पुलिस के अनुसार, दिव्या और अभिजीत रिश्ते में थे और अभिजीत ने गुस्से में आकर महिला की हत्या कर दी, क्योंकि उसने अपने मोबाइल फोन से उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें हटाने से इनकार कर दिया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने दिव्या पाहुजा हत्याकांड की पूरी कहानी बताई कि कैसे और क्यों उसकी हत्या हुई? उसके शव को कैसे ठिकाने लगाया गया और किस तरह आरोपी कई राज्यों से होते हुए भागते रहे ताकि गिरफ्तारी से बच सकें।
परवेश ने पहुंचाए थे हथियार…
पूछताछ के दौरान, परवेश ने खुलासा किया कि उसे हथियार रखने का शौक था और वह इस मामले में अभिजीत को तीन पिस्तौल और कुछ जिंदा कारतूस दिए थे। एक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस परवेश के कब्जे से बरामद किए गए, जबकि दो पिस्तौल और 40 जिंदा कारतूस दिल्ली से बरामद किए गए। परवेश के खिलाफ हत्या के प्रयास, डकैती और आर्म्स एक्ट के जैसे अपराधों के लिए पहले से ही लगभग छह मामले दर्ज हैं। पुलिस को अभी तक दिव्या पाहुजा हत्याकांड में यूज किया गया हथियार नहीं मिला है। अभिजीत ने दिव्या की हत्या के बाद उसे कहां फेंका इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है।
अभिजीत और बलराज के बीच क्या रिश्ता…
इधर अभिजीत के साथी बलराज गिल ने मामले में खुलासे किए हैं। बलराज, 11 जनवरी को पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने पूछताछ के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड ली थी। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि वह और मुख्य आरोपी अभिजीत कॉलेज के दौरान दोस्त थे। दोनों हिसार में एक साथ पढ़ते थे।
डिक्की में शव लेजाकर पटियाला में फेंका…
पुलिस ने बताया कि दिव्या पाहुजा की हत्या करने के बाद, अभिजीत ने बलराज और रवि बंगा से संपर्क किया था। दिव्या के शव को ठिकाने लगाने के लिए उन्हें 12 लाख रुपये और एक बीएमडब्ल्यू कार दी थी। दोनों 2 जनवरी की रात को बीएमडब्ल्यू कार की डिक्की में दिव्या के शव को लेकर गुरुग्राम से चले गए और 3 जनवरी को उन्होंने शव को पटियाला में भाखड़ा नहर में फेंक दिया। उसके बाद 12 लाख रुपये के साथ बीएमडब्ल्यू कार को पटियाला बस स्टैंड पर पार्क कर दिया, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया।
इस तरह पहुंचे कोलकाता…
गिरफ्तारी से बचने के लिए, बलराज और रवि एक टैक्सी में भिवानी, जयपुर और उदयपुर गए और वहां से उन्होंने कानपुर के लिए बस ली। कानपुर से वे ट्रेन में बैठकर कोलकाता निकल गए। कोलकाता पहुंचने के बाद बलराज और रवि ने अपने रास्ते अलग कर लिए। बाद में बलराज को 11 जनवरी को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया।
दिव्या का मिला शव…
इस बीच, दिव्या पाहुजा का जो शव बरामद हुआ है, उसकी पहचान उसके परिवार ने की। पुलिस ने कहा कि जल्द ही पोस्टमॉर्टम किया जाएगा और फिर शव को गुरुग्राम लाया जाएगा और दिव्या के परिवार को सौंप दिया जाएगा। पेशे से वकील बलराज गिल, अभिजीत के करीबी दोस्त थे, जबकि अमित बंगा उनका घरेलू सहयोगी था।
150 किमी तक स्कैन की नहर…
2 जनवरी से दिव्या के शव के साथ फरार हुए बलराज और अमित की तलाश में गुरुग्राम पुलिस की पांच टीमें लगी हुई थीं। एक टीम पंजाब पुलिस, स्थानीय गोताखोरों, एनडीआरएफ की 25 टीमों और एसडीआरएफ की मदद से दिव्या के शव की तलाश कर रही थी। पुलिस ने शव की तलाश के लिए बखरा नहर का करीब 150 किलोमीटर तक स्कैन किया। दिव्या के शव की पहचान उसकी पीठ पर बने टैटू से हुई।
अब तक 6 गिरफ्तार…
बलराज गिल की गिरफ्तारी के बाद शव को ठिकाने लगाने के बारे में भी सुराग मिला। दिव्या की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह, उसके सहयोगी ओम प्रकाश, हेमराज, बलराज गिल, परवेश और एक महिला मेघा समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला ने अभिजीत को छिपने, हत्या के हथियार, दस्तावेज और दिव्या के निजी सामान को फेंकने में मदद की थी।
मेघा पर क्या आरोप…
ओम प्रकाश और हेमराज ने अभिजीत को दिव्या के शव को बीएमडब्ल्यू कार के बूट में खींचने में मदद की थी। बाद में बलराज और रवि शव लेकर भाग गए। मेघा ने पुलिस को बताया कि जब वह 2 जनवरी को होटल पहुंची तो उसने दिव्या का शव देखा। फिर अभिजीत ने उससे दिव्या के सामान को ठिकाने लगाने के लिए कहा, लेकिन वह उसके निर्देशों का पालन करने से बहुत डर रही थी।
दिव्या करती थी ब्लैकमेल…
पूछताछ के दौरान अभिजीत ने पुलिस को बताया कि दिव्या उसे ब्लैकमेल करती थी और पैसे भी वसूलती थी। दिव्या जेल में बंद गैंगस्टर बिंदर गुज्जर के जरिए अभिजीत के संपर्क में आई। बिंदर गुज्जर को 2016 में मुंबई में हुई गुरुग्राम पुलिस के साथ गैंगस्टर संदीप गाडोली की कथित फर्जी मुठभेड़ का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है। दिव्या इस मामले में मुख्य आरोपी थीं। बाद में, उसे गैंगस्टर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया और उसने सात साल जेल में बिताए। उन्हें पिछले साल जून में बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी। दिव्या के परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या की साजिश अभिजीत के साथ मिलकर संदीप गाडोली के परिवार वालों ने रची थी।