Loksabha_Election_2024: आईये जाने सूबे की मछलीशहर सुरक्षित लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Loksabha_Election_2024: मछलीशहर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक लोकसभा सीट है, जो परिसीमन के बाद साल- 2009 में सुरक्षित हो गई। इसकी सीट संख्या- 74 है। जौनपुर जिले में शामिल मछलीशहर को तहसील का दर्जा प्राप्त है और ये शहर व्यापार के लिहाज से प्रदेश का सबसे अहम शहर है।
मछलीशहर सुरक्षित सीट का संसदीय इतिहास
अगर बात मछलीशहर लोकसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की करें तो इस सीट पर पहली बार चुनाव साल- 1962 में हुआ। जिसमें कांग्रेस के गणपत राम ने जीत दर्ज की। वहीं साल- 1962 से लेकर साल- 1971 में नागेश्वर द्विवेदी कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीता और कांग्रेस ने इस सीट पर लगातार तीन बार जीत हासिल की, लेकिन साल- 1977 में जनता पार्टी के राजकेसर सिंह ने जीत हासिल कर कांग्रेस को विजयी रथ को रोका फिर साल- 1980 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के शिव शरण वर्मा ने अपना परचम लहराया तो साल- 1984 में श्रीपति मिश्र एक बार फिर कांग्रेस का परचम लहराते हुए वापसी की।
वहीं साल- 1989 और साल- 1991 में शिव शरण शर्मा ने जनता दल को लगातार दो बार जीत दिलाई, जबकि साल- 1996 में डॉ राम विलास वेदांती और साल- 1998 में चिन्मयानन्द भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। मगर साल- 1999 में हुए चुनाव में इस सीट पर पहली बार सपा ने जीत हासिल की और सपा के चंद्रनाथ सिंह ने बीजेपी के डॉ राम विलास वेदांती को हराया। वहीं साल- 2004 में बसपा के उमाकांत यादव ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया तो साल- 2009 में समाजवादी पार्टी के तूफानी सरोज ने बसपा से साल- 2004 में मिली हार का बदला ले लिया। लेकिन साल- 2014 में मोदी लहर में यहां से भारतीय जनता पार्टी के राम चरित्र निषाद सांसद चुने गए।
लोकसभा क्षेत्र मछलीशहर सुरक्षित सीट की 5 विधानसभा सीटें
मछलीशहर लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें मछलीशहर, केराकत, मड़ियाहू, जाफराबाद और पिंडरा आती हैं। जिसमें मछलीशहर, केराकत, मड़ियाहू और जाफराबाद जौनपुर जिले में शामिल हैं, जबकि पिंडरा विधानसभा सीट वाराणसी जिले में आती है।
लोकसभा सीट मछलीशहर सुरक्षित में मतदाताओं की संख्या
इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में मछलीशहर में कुल मतदाताओं की संख्या- 17 लाख, 89 हजार, 566 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 53 हजार, 594 महिला मतदाताओं की संख्या- 8 लाख, 35 हजार, 889 और ट्रांस जेंडर के कुल 83 मतदाता शामिल हैं।
साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
वहीं साल- 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो बसपा के उमाकांत यादव ने जीत हासिल की और उन्हें 2 लाख, 37 हजार, 438 वोट मिले। वहीं सपा के चंद्र नाथ सिंह 1 लाख, 82 हजार, 56 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि बीजेपी के केशरीनाथ त्रिपाठी तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 1 लाख, 70 हजार, 939 वोट मिला था।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो सपा के तूफानी सरोज ने 2 लाख, 23 हजार, 152 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं बसपा के कमल कांत गौतम 1 लाख, 98 हजार, 846 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि बीजेपी के विद्यासागर सोनकर को 1 लाख, 46 हजार, 31 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल- 2014 में इस सीट पर बीजेपी के राम चरित्र निषाद ने 4 लाख, 38 हजार, 210 वोटों के साथ अपना परचम लहराया था। जबकि बसपा के भोलानाथ 2 लाख, 66 हजार, 55 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं सपा तूफानी 1 लाख, 91 हजार, 387 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2019 के संसदीय चुनाव में मछलीशहर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने भोलानाथ सरोज को मैदान में उतारा। उनके सामने बहुजन समाज पार्टी ने त्रिभुवन राम को टिकट दिया। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की ओर से राजनाथ मैदान में उतरे। भोलानाथ सरोज ने यह मुकाबला भले ही जीत लिया। लेकिन उन्हें जीत के लिए बेहद संघर्ष करना पड़ा था। उन्हें महज 181 मतों के अंतर से जीत मिली थी। मछलीशहर लोकसभा सीट पर भोलानाथ सरोज को कुल 4 लाख, 88 हजार, 397 वोट मिले तो बसपा के त्रिभुवन के खाते में 4 लाख, 88 हजार, 216 वोट आए थे।
भाजपा और सपा में दिख रही है, सीधी टक्कर
बता दें कि साल- 2024 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने सांसद बीपी सरोज पर भरोसा जताया है। साल- 2019 में बसपा के त्रिभुवन राम से वह मात्र 181 वोटों से जीते थे। सपा तीन बार के सांसद रहे तूफानी सरोज की बेटी और सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रिया सरोज के भरोसे भाजपा का विजय रथ रोकने की कोशिश में है। वहीं बसपा के टिकट से कृपाशंकर सरोज चुनाव मैदान में हैं। जानकारों के अनुसार यहां भी सपा व भाजपा के ही बीच कांटे के मुकाबले के आसार दिख रहे हैं।
लोकसभा सीट मछलीशहर सुरक्षित पर जातीय समीकरण
मछलशहर लोकसभा सीट पर निर्णायक भूमिका दलित और पिछड़े वोटर्स तय करते हैं। बदले दौर की सियासत में मुद्दे गौण हो गए हैं और राजनीति की बिसात पर हर कोई जातिवाद की गोटी फिट करने में लगा है। मछलीशहर में पिछड़े और दलित ही तय करते हैं कि जीत किसकी होगी। यहां पिछड़े और दलित मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। पिछड़ों में भी यादवों की संख्या सर्वाधिक है। पिछड़ों के बाद अनुसूचित जाति मतदाता दूसरे नंबर पर हैं। इसके बाद ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, मुस्लिम और अन्य जाति के मतदाताओं का नंबर आता है।