मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव:भाजपा गोरखनाथ बाबा के अलावा और किन नेताओं को बना सकती है प्रत्याशी, सामने आए ये नाम
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की सबसे हाई प्रोफाइल मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर मंगलवार को उपचुनाव का बिगुल बज चुका है।मिल्कीपुर में दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही 5 फ़रवरी को मतदान होगा और नतीजे 8 फ़रवरी को आएंगे। मिल्कीपुर उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। सपा जहां मिल्कीपुर में जीत दर्ज कर भाजपा से रामलला की नाराजगी की भावना को और पुख्ता करने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में फैजाबाद में मिली हार से छटपटा रही भाजपा मिल्कीपुर जीत को प्रतिष्ठा का सवाल मान चुकी है।
भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर मिली हार ने भाजपा को झकझोर कर दिया था।पूरे देश में फैजाबाद की हार की गूंज ने विपक्ष को व्यंगबाण चलाने का अवसर भी दिया।ऐसे में मिल्कीपुर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में भाजपा अब कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।भाजपा अब मिल्कीपुर जीतने के लिए पूरी ताकत से जुटी है।इसी कारण मिल्कीपुर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार दौरा कर चुके हैं।
भाजपा मिल्कीपुर उपचुनाव जीतकर लोकसभा चुनाव में मिली हार की भरपाई करने की फिराक में है।इसके लिए मुख्यमंत्री योगी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों की फौज उतार रखी है।इसके अलावा संगठन के पदाधिकारियों को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है।साथ ही खुद भी सीएम योगी लगातार अयोध्या का दौरा कर मीटिंग कर रहे हैं।मिल्कीपुर में जातीय समीकरण को साधने से लेकर बूथवार जीत सुनिश्चित करने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य,कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह,जेपीएस राठौर,दयाशंकर सिंह,मयंकेश्वर शरण सिंह सतीश शर्मा को लगाया गया है।
सपा ने फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर में उतारा है तो वहीं भाजपा ने अपना प्रत्याशी अभी नहीं उतारा है।चर्चा कई नामों पर है।प्रत्याशी के दौड़ में गोरखनाथ बाबा सबसे प्रबल दावेदार हैं। 2017 में मिल्कीपुर से विधायक रह चुके गोरखनाथ 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद 13000 वोट से हारे थे।ऐसे में गोरखनाथ बाबा की विधानसभा क्षेत्र में सियासी पकड़ और जातिगत खेमेबंदी दावेदारी को मजबूत करती है,लेकिन भाजपा हमेशा नए प्रयोग,नए चेहरे को लेकर भी जानी जाती रही है।ऐसे में मिल्कीपुर में नए चेहरों पर भी भाजपा दांव लगाने का प्रयोग कर सकती है।नए चेहरों में पूर्व नौकरशाह उप-परिवहन आयुक्त रहे सुरेंद्र रावत का नाम चर्चा में है। भाजपा के संगठन से नए चेहरों में प्रदेश अनुसूचित मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत के साथ साथ पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी भी चर्चा में हैं।
इस बार मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में वोटो का गणित भी बदला है। 2022 के विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस और बसपा मैदान में थीं,लेकिन इस बार ये दोनों लड़ाई से बाहर हैं। 2022 के चुनाव में कांग्रेस और बसपा को मिलकर 17.5 हजार मिले थे और भाजपा 12, 913 वोटो से हार गई थी।ऐसे में भाजपा और सपा कांग्रेस और बसपा के वोट बैंक पर नजर गड़ाए हैं। भाजपा और सपा इस वोट बैंक को अपने पाले में करने में जुटी हैं।
भाजपा के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव कितना अहम है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव की बागडोर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही सीएम योगी लगातार अयोध्या और मिल्कीपुर का दौरा कर रहे हैं।भाजपा के सहयोगी दल के नेता संजय निषाद और ओमप्रकाश राजभर मिल्कीपुर में लगातार जातिगत समीकरण को बांधने में जुटे हैं।
सपा फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली जीत को पूरे देश में उदाहरण बनाकर भाजपा पर हमलावर थी।सपा के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव अपने माहौल को बड़ा करने का मौका है। सपा ने हर सेक्टर और बूथ पर पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी है।पिछड़ा-दलित और अल्पसंख्यक के जिस फॉर्म्यूले और संविधान बचाव की बयार से सपा ने फैजाबाद लोकसभा सीट जीती थी,उसी माहौल और वोट समीकरण के आधार पर मिलकर मिल्कीपुर जीतने का गुणा गणित कर रही है।
सपा के साथ फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद की भी साख दांव पर लगी है,क्योंकि मिल्कीपुर का जातीय समीकरण जहां अवधेश प्रसाद के अनुकूल है तो वहीं दूसरी तरफ प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद हैं।ऐसे में अपनी राजनीतिक सूझबूझ से विरासत बेटे को सौंपने का मिल्कीपुर चुनाव अवधेश प्रसाद के लिए एक मौका होगा।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराकर सपा ने जहां इसे भगवान राम की नाराजगी का नतीजा बताकर देश भर में माहौल बनाया था तो वहीं 5 फरवरी को मिल्कीपुर होने वाला उपचुनाव सपा के लिए एक बार फिर माहौल को मजबूत करने का मौका होगा।मगर भाजपा भी सपा और कांग्रेस के संविधान बचाओ के फुलाए गुब्बारे की हवा मिल्कीपुर उपचुनाव में ही निकालने की कोशिश में है।