उद्यान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पंकज शुक्ल का हुआ तवादला, मिर्जापुर और नियम विरुद्ध तरीके से सम्बद्ध गृह मंडल प्रयागराज से बस्ती परिक्षेत्र भेजे गए
योगी सरकार में बनी तवादला नीति में जनपद में 3साल और मण्डल में 6साल से अधिक समय से तैनात अधिकारी को हटाया जाना था, परन्तु अपनी ही नीति फेल हो गई योगी की भ्रष्ट नौकरशाही…
जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ सीमा राणा जो अपनी सेवा के प्रारम्भ से ही प्रयागराज में पोस्टिंग कराकर कम्पनी बाग से लूट खसोट शुरू किया और प्रतापगढ़ में आकर करोड़ों रुपये का घोटाला कर गई। उनके इस घोटाले में उनका शिक्षक पति उमेश सिंह राणा भी बराबर का सहयोगी है। लगभग 19 वर्षो से एक ही मण्डल में कार्यरत DHO सीमा सिंह राणा पर योगी सरकार में बनी तवादला नीति बौनी साबित हुई। अफसर बीबी का शिक्षक पति बहुत बड़ा लायजनर है। वह डिप्टी डायरेक्टर पंकज शुक्ल से लेकर डायरेक्टर उद्यान विभाग तक सबको सेट किया रहता है। यही नहीं प्रमुख सचिव, उद्यान विभाग एवं विभाग के मंत्री दिनेश सिंह से भी सम्बन्ध होने का दावा अफसर बीबी का शिक्षक पति उमेश राणा किया करता है।
सूत्र बताते हैं कि उद्यान मंत्री की ससुराल भी प्रतापगढ़ में है। उनकी ससुराल से अपनी अफसर बीवी की काली करतूतों को हजम करने के लिए संपर्क कर मंत्री जी के आवास पर जाकर मिलना एक योजना रही। घोटाले की बात जब उछली तो उमेश सिंह राणा और DHO प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा कुंडा पहुँची और राजा भईया के दरबार में हाजिरी लगाती देखी गई थी। फिलहाल सूत्रों की माने तो राजा भईया के दरबार में उन्हें भाव नहीं मिला। डिप्टी डायरेक्टर पंकज शुक्ल का तवादला तो हो गया, परन्तु भ्रष्ट DHO सीमा सिंह राणा के ऊपर योगी सरकार में उद्यान विभाग के अफसर अभी भी मेहरबान बनी हुई है।
सवाल उठता है कि क्या योगी सरकार में बनी तवादला नीति से ऊपर है, प्रतापगढ़ में तैनात DHO सीमा सिंह राणा ? क्योंकि यह कोई आरोप नहीं बल्कि हकीकत है। योगी सरकार में बनी तवादला नीति में 3वर्ष से अधिक एक जनपद और 6 वर्ष से अधिक एक मंडल में तैनाती नहीं हो सकती। प्रतापगढ़ जनपद प्रयागराज मण्डल में आता है और प्रतापगढ़ की DHO सीमा सिंह राणा विगत 19 वर्षों से प्रयागराज मण्डल में कुंडली मारकर जमी हुई हैं। देखना है कि योगी सरकार में अपनी ही नीति का पालन कब कराया जाएगा ? DHO प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा को तवादला नीति से ऊपर कब तक रखा जाता है ? यक्ष प्रश्न है कि जब अपनी नीति को लागू कराने में योगी सरकार हाफ रही है तो ऐसी नीति बनाई ही क्यों जो लागू न कराया जा सके।