उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में शिकस्त खाने की वजह पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर बैठक का दौर जारी
लखनऊ। यूपी में लोकसभा चुनाव के ख़राब प्रदर्शन के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकों का दौर जारी है। अयोध्या जैसी सीट पर लल्लू सिंह की करारी हार भाजपा के लिए चिंता का विषय है। जिस अमेठी से साल- 2019 में राहुल गांधी को स्मृति इरानी ने हराया और अमेठी में जमीन खरीदा और घर भी बनवाया। यही नहीं अमेठी लोकसभा क्षेत्र से अपना नाम मतदाता सूची में भी शामिल कराया, परन्तु आज परिणाम आया तो स्मृति इरानी आज अपने बूथ पर चुनाव हार गई। यह सामान्य घटना नहीं है। चुनाव में इतनी ख़राब स्थिति के लिए समीक्षा तो होनी है, परन्तु समीक्षा आज होगी ये कोई नहीं सोचा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर बैठक में प्रदेशध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, दोनों डिप्टी सीएम सहित कई मंत्री शामिल रहे
उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार का एक कारण यह भी है कि गृहमंत्री अमित शाह द्वारा एक योजना के तहत योगी आदित्यनाथ के पर कतरने की रही। भारतीय जनता पार्टी में सुनील बंसल को महामंत्री (संगठन) से राष्ट्रीय महामंत्री का प्रमोशन दिया गया और उन्हें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा एवं तेलंगाना का प्रभारी बनाया गया, परन्तु सुनील बंसल उत्तर प्रदेश छोड़ने के बाद भी उत्तर प्रदेश में अमित शाह के लिए काम करते रहे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नीचा दिखाते रहे, क्योंकि जब वह उत्तर प्रदेश में थे, तब सुनील बंसल मुख्यमंत्री कार्यालय के समकक्ष अपना दफ्तर संचालित करते रहे और दोनों में इस बात को लेकर बहुत टशन रहती थी।
देश में सबसे अधिक लोकसभा की सीटें उत्तर प्रदेश में हैं, परन्तु उस प्रदेश के मुख्यमंत्री से टिकट आवंटन में नहीं की गई थी, रायशुमारी
किसी भी चुनाव में उस प्रदेश के मुख्यमंत्री का अहम् रोल होता है, जिस प्रदेश में चुनाव होता हो ! कोई जरुरी नहीं कि विधानसभा के चुनाव में ही मुख्यमंत्री से टिकट आवंटन पर उसकी सलाह ली जाए। लोकसभा चुनाव-2024 में आज जब चुनाव परिणाम आया तो नतीजा भाजपा के विपरीत रहा और नतीजा विपरीत हो तो हार की समीक्षा होती है। चुनाव का परिणाम पक्ष में रहता तो कोई बात नहीं, परन्तु उत्तर प्रदेश से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को जो निराशा हुई, उसे वह शब्दों में ब्यक्त नहीं कर पा रहा है। इसी बीच सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी हार की समीक्षा आज ही करके मामले को साफ़ कर देने में बेहतर समझा, परन्तु बैठक में हार की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। अभी समीक्षा का दौर जारी रहेगा।