रामनगरी में एक दीप रामभक्तों के नाम,अनुष्ठान शुरू कर मंदिर आंदोलन के शहीदों को ट्रस्ट देगा श्रद्धांजलि
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या का नाम सुनते ही लोगों के मन में भगवान राम के प्रति श्रद्धा के भाव उमड़ पड़ता है। सदियों का संघर्ष और लाखों रामभक्तों के बलिदान के बाद करोड़ों हिंदुओं के संकल्प की सिद्धि प्रभु श्री राम के मंदिर निर्माण के रूप में हो रही है। पांच सौ सालों तक चला राम मंदिर आंदोलन में जिन रामभक्तों ने अपने प्राण गंवाया है, उन रामभक्तों को पहली बार रामनगरी में सरयू तट पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पितृ पक्ष में 11 दिवसीय अनुष्ठान शुरू करने जा रहा है।
इसका शुभारंभ 3 अक्तूबर को नवाह पारायण के साथ होगा। पितृपक्ष का शुरू हो चुका है। पहली बार पितृपक्ष में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर आंदोलन के बलिदानियों की आत्मशांति के लिए अनुष्ठान शुरू किया जा रहा है। इसको लेकर शुक्रवार को संघ कार्यालय में ट्रस्ट ने विभिन्न संगठनों के साथ बैठक की है। बताया गया कि एक दीप रामभक्तों के नाम अनुष्ठान का शुभारंभ 3 अक्तूबर से होगा।
इसके तहत अयोध्या जिले के दस हजार परिवारों में रामायण का नवाह पारायण और रामचरित मानस के नवाह पारायण का आयोजन होगा। बैठक में इस आयोजन की योजना-रचना तैयार की गयी। 11 अक्तूबर को नौ दिवसीय नवाह पारायण का समापन होगा। इसके बाद अनुष्ठान के अंतिम दिन 13 अक्तूबर को राम की पैड़ी पर वृहद दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा। इसमें 10 हजार दीप जलाकर हुतात्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत अन्य ट्रस्टी संघ व विहिप के पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी को जिम्मेदारियां बांटी गई हैं।
संघ अयोध्या जिले में 10 हजार परिवारों को चिन्हित कर रहा है, जो इस अनुष्ठान में सहभागी बनकर राम मंदिर आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। यह योजना आध्यात्मिक नगरी काशी के प्रसिद्ध विद्वान लक्ष्मीकांत द्विवेदी के सुझाव पर तैयार की गयी है। लक्ष्मीकांत ने सुझाव दिया है कि मंदिर का उद्घाटन जनवरी में होना है। ऐसे में राम मंदिर निर्माण के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर किया है उन्हें नमन किया जाना चाहिए। उनका आशीर्वाद व कृपा लेने के लिए यह अनुष्ठान होगा। पितृपक्ष में इन्हें श्रद्धांजलि देने की योजना बनी है। बता दें कि लक्ष्मीकांत द्विवेदी के निर्देशन में ही रामलला की प्राणप्रतिष्ठा का अनुष्ठान भी संयोजित है।