कुएं से पानी पीने पर 5 दलित बच्चों को युवक ने डंडे से पीटा, हाथों को रस्सी से बांधा
भोपाल। बच्चों की पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक युवक डंडे से पांच बच्चों की पिटाई कर रहा है। सभी बच्चों के हाथ पैर रस्सी से बंधे हैं। वीडियो जबलपुर का बताया जा रहा है। बच्चों की पिटाई का यह वीडियो मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है। जीतू ने भाजपा और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर निशाना साधते हुए लिखा है कि दिल दहलाने वाला यह दृश्य पत्थरदिल को भी विचलित कर सकते हैं। रोते-बिलखते-चीखते इन बच्चों ने सिर्फ कुएं से पानी पी लिया था और, ये तालिबानी सजा इसलिए दी गई कि ये मासूम दलित हैं। वीडियो कहां का है? युवक बच्चों को क्यों मार रहा है? बच्चे कौन हैं? हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता है।
दोषियों पर तुरंत कार्रवाई करें…
पीसीसी चीफ जीतू ने एक्स पर आगे लिखा है कि नरेंद्र मोदी जी गौर से देख लें कि द्वारा फैलाई जा रही नफरत का नतीजा है कि अब मासूम जिंदगियों से भी सांसों का सौदा करना चाहता है। सोचना यह भी होगा कि कानून से खिलवाड़ करने वाले डॉ. मोहन यादव सरकार में ज्यादा क्यों दिखाई दे रहे हैं? दोषियों को चिन्हित करें। मिसाल बने, ऐसी कार्रवाई करें। पूरे दलित समाज से तत्काल माफी मांगें।
बच्चे छोड़ देने की लगा रहे गुहार…
58 सेकेंड के इस वीडियो में पांचों बच्चे एक ही रस्सी से बंधे हैं। बच्चे चीख-चीखकर रो रहे हैं। युवक से छोड़ देने की गुहार लगा रहे हैं। आसपास काफी भीड़ है, जो बच्चों को छोड़ देने की बात युवक से कह रही है। लेकिन युवक किसी की नहीं सुन रहा है, बच्चों को पीट रहा है।
आशीष ने लिखा: जीतू जी दूसरे राज्य के वीडियो को MP का बताकर बदनाम न करें…
जीतू की पोस्ट पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया है। आशीष ने एक्स पर लिखा है कि जीतू पटवारी जी, टूटता दल हो, बिखरता बल हो। चिंता में आज और कल हो…। तो आंखों में राजनैतिक मोतियाबिंद हो ही जाता है। लेकिन इस हताशा और निराशा में किसी दूसरे राज्य के वीडियो को अपने मध्य प्रदेश का बताकर बदनाम ना करें…अब ध्यान से समझें और जो वीडियो पोस्ट कर रहा हूं उसको बार बार देखें।
कांग्रेसियों को खुशहाल मध्यप्रदेश भाता नहीं है
आशीष ने आगे लिखा है कि वीडियो के बच्चों की भाषा जबलपुर या मध्य प्रदेश की नहीं है। वीडियो में पानी नहीं बल्कि ‘पैसे’ निकालने की बात कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि वीडियो एमपी का नहीं। स्थानीय पुलिस और लोगों ने वीडियो की प्राथमिक जांच करके इसे दूसरे राज्य का बताया है। आपको मध्यप्रदेश को बदमान करने के एक और प्रयास के लिए मध्यप्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। अचरच नहीं है कि बदहाली में मध्यप्रदेश को लाने वाले कांग्रेसियों को खुशहाल मध्यप्रदेश भाता नहीं है।
SP बोले-वीडियो जबलपुर का नहीं….
बच्चों की पिटाई के वीडियो को लेकर भाजपा-कांग्रेस में घमासान मच गया। इस बीच सोशल मीडिया X पर जबलपुर एसपी के अकाउंट से वीडियो जबलपुर का न होना बताया गया। इसमें कहा है- एक पोस्ट बच्चों के साथ मारपीट का वीडियो मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के द्वारा उनके ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया है, जिसका घटनास्थल जबलपुर जिले का होना नहीं पाया गया है।
नेता शिंदे की पोस्ट: इस देश में जिंदा इंसान को पानी नहीं पीने देते…
महाराष्ट्र की आजाद समाज पार्टी की नेता नेहा शिंदे ने तीन दिन पहले यह वीडियो एक्स पर पोस्ट किया था। नेहा ने लिखा था कि ये विडियो जबलपुर का है। बच्चों का कसूर सिर्फ इतना है कि इन्होंने प्यास लगने पर कुएं से पानी पी लिया था। क्या ये है रामराज्य? इस देश में पत्थर की बेजान मूरत को पानी से नहलाते हैं, लेकिन जिंदा इंसान को पानी पीने नहीं देते। कितनी शर्मनाक बात है।