बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय से मांगी माफी, कहा- हम सुरक्षा प्रदान करने में रहे विफल
बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के बाद अराजकता की स्थिति की बरकरार है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है। इसके विरोध में रविवार को ढाका की सड़कों पर हजारों हिंदू हाथों में पोस्टर लेकर उतरे और सुरक्षा की मांग उठाई। इन सबके बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए माफ़ी मांगी है।
हम अराजकता के दौर से गुजर रहे हैं- हुसैन…
उन्होंने कहा, ‘हमने निर्देश दिया है कि हमारे अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का परम कर्तव्य है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और इसके बजाय मस्जिद में नमाज़ पढ़ने में व्यस्त रहते हैं, तो उन्हें जवाब देना होगा कि वे सुरक्षा प्रदान करने में विफल क्यों रहे।’ सखावत हुसैन ने कहा, ‘यह हमारे धर्म का भी हिस्सा है कि हमें अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए। मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों से माफ़ी मांगता हूं। हम अराजकता के दौर से गुजर रहे हैं। पुलिस खुद अच्छी स्थिति में नहीं है, इसलिए मैं बड़े पैमाने पर समाज से आग्रह करता हूं, उनकी रक्षा करें, वे हमारे भाई हैं और हम सभी एक साथ बड़े हुए हैं।
लगातार हो रहे हैं हमले…
पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रही हिंसा का सबसे ज्यादा शिकार वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू हो रहे हैं। जिनकी आस्था और बुनियाद दोनों पर ही लगातार हमले हो रहे हैं. मंदिरों को जलाया जा रहा है, घरों को लूटा जा रहा है और लोगों की जान ली जा रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर बांग्लादेश में हिंदुओं की कुल कितनी आबादी है और साल 1971 के बाद से कितने हिंदू वहां से पलायन कर चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं की कुल आबादी करीब 7.97 फीसदी है। यानी आबादी के लिहाज से देखें तो बांग्लादेश की कुल आबादी 17 करोड़ के करीब है। यानी हिंदुओं की आबादी 1.35 करोड़ है, लेकिन कई इलाके ऐसे हैं जहां हिंदुओं की आबादी 10 फीसदी से ज्यादा है जबकि करीब 4 जिलो में हिंदुओं की आबादी करीब 20 फीसदी बताई जाती है।
हिंदू आबादी पर लगातार हो रहे हमले…
पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति काफी खराब हुई है। जानकारी के अनुसार, साल-1951 में इस क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी करीब 22 फीसदी थी। उसके बाद से हिंदुओं की आबादी में लगातार गिरावट आती गई। जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों ने हिंदुओं पर जमकर अत्याचार है। हिंदुओं को आर्थिक और धार्मिक स्तर पर परेशान किया गया है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन को मजबूर हुए।