सुभासपा में दो फाड़, पार्टी के पुराने नेता ने ओपी राजभर पर लगाया सपा को हराने का आरोप
वाराणसी। एक ओर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर लगातार उपचुनाव में हार पर तंज कस रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी अपनी ही पार्टी के पुराने करीबी लोग उनका साथ छोड़ कर जा रहे हैं। राजभर की मुसीबतें बढ़ना शुरू हो गई हैं। सुभासपा में बागवत के बीज का अंकुर फूट चुका है। राजभर के प्रतिनिधि व सुभासपा के पूर्व प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने पार्टी को छोड़कर खुद की पार्टी बना ली है। इतना ही नही शशि प्रताप सिंह पार्टी छोड़ने के साथ ही सैकड़ो पुराने कार्यकर्ताओ को भी अपने साथ ले गए है। यानी सुभासपा में अब दो फाड़ हो चुके है।
सुभासपा के पूर्व प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी के प्रेसीडेंट ओम प्रकाश राजभर परिवारवाद को बढ़ावा देते रहते हैं। वे देश के सबसे बड़े झूठेक नेता हैं। ऐसे में जब उनके सबसे बड़े सहयोगी दल सपा से खटपट की सूचना आ रही हो तो यह खबर सुभासपा के लिए मुसीबत का सबब बनने वाली हैं। ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के पूर्व प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी से अलग होने के बाद एक नई पार्टी के गठन का ऐलान किया है। सुभासपा से अलग होकर राष्ट्रीय समता पार्टी का गठन कर के शशि प्रताप सिंह ने ओपी राजभर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।वाराणसी के कैंटोनमेंट स्थित एक होटल में मीडिया के सामने शशि प्रताप सिंह ने कहा कि सपा से गठबंधन के बाद सुभासपा पार्टी की विचारधारा में बदलाव आ गया है। यही नहीं ओपी राजभर की बयानबाजी की वजह से सपा 2022 का चुनाव हार गई।
सुभासपा में शशि प्रताप सिंह का एक अहम रोल रहा है। सोमवार को शशि प्रताप सिंह ने अपनी नई पार्टी का ऐलान करते हुए कहा कि हमारी राष्ट्रीय समता पार्टी के कई प्रमुख मुद्दे हैं और ये हम जनता के बीच रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में किसी परिवारवाद का जन्म नहीं होगा। चुनाव आयोग से कानून बनवाकर परिवारवाद को राजनीति से खत्म करेंगे। सुभासपा में लोग सिर्फ 2 लोगों को जानते थे ओम प्रकाश राजभर और शशि प्रताप सिंह। उन्होंने कहा कि मेरे हटने के बाद सुभासपा में रह ही क्या गया। तीन पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक आज ही एक साथ हमारी पार्टी में आने को तैयार थे। मगर हमने कहा कि एक दिन में ही पूरी पिक्चर नहीं दिखाएंगे। सुभासपा में कई ऐसे लोग थे जो सालों से मेहनत कर रहे थे कि एक दिन पार्टी उन्हें मौका देगी, लेकिन जब मौका देने का वक्त आया तो ओपी राजभर ने अपने पुत्र को चुनाव लड़ाकर परिवारवाद का परिचय दे दिया।
शशि प्रताप सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि ओपी राजभर पुत्र मोह में धृतराष्ट्र हो चुके हैं। ओपी राजभर इतने अंधे हो गए हैं कि कहने लगे कि आजमगढ़ में हमने भाजपा का खाता खुलने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मैं क्यों न महादेव पर अपनी बात रखूं। जो राष्ट्र हित की बात करेगा उसके लिए मैं गर्दन कटा दूंगा और जो राष्ट्र के अहित के लिए सोचेगा उसकी गर्दन भी काट दूंगा ऐसी पार्टी का हमने गठन किया है। उन्होंने कहा कि ओपी राजभर हमेशा अपने मुद्दों से जनता को भटकाने का काम करते हैं, हमेशा परिवारवाद की राजनीति करते हैं, उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण पैसा है।वह पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। 17 जुलाई को एक और बड़ा खुलासा हमारी पार्टी करेगी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव में शिवपुर सीट समाजवादी पार्टी गठबंधन के तहत सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते में आई थी। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के अनिल राजभर के खिलाफ शशि प्रताप सिंह खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन ओम प्रकाश राजभर ने इस सीट से अपने बेटे अरविंद राजभर को गठबंधन का उम्मीदवार बनाया था। चुनाव के दौरान ही ओम प्रकाश राजभर और अरविंद राजभर की ओर से शशि प्रताप सिंह की जबरदस्त अनदेखी की गई। इस बात से शशि प्रताप लगातार नाराज चल रहे थे। मई के महीने में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शशि प्रताप सिंह ने एक बयान हिन्दू पक्ष को समर्थन में दिया था, जिसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने शशि प्रताप सिंह को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया था, तभी से शशि प्रताप सिंह के बारे में पार्टी छोड़ने के कयास लागये जा रहे थे।