अत्याचारों से तंग आकर माता-पिता ने शराबी बेटे की हत्या के लिए 8 लाख की दी सुपारी
हैदराबाद में शराबी बेटे के अत्याचारों से तंग आकर माता-पिता ने उसकी हत्या के लिए 8 लाख की सुपारी दी। मृतक साईं राम के पिता क्षत्रिय राम सिंह एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मारे गए लड़के के माता-पिता, मामा और 4 अन्य सुपारी लेने वाले शामिल हैं। मृतक साईं राम 26 वर्ष का था और अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। उसने पढ़ाई छोड़ दी थी और शराब का भुगतान नहीं करने पर अपने माता-पिता की पिटाई करता था। निराश होकर माता-पिता ने उसकी हत्या के लिए सुपारी दे दी। मृतक को मंदिर ले जाने के बाद आरोपी ने उसे शराब पिलाई और फिर रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। सीसीटीवी में कार देखकर पकड़ा गया। आरोपी साईं राम का शव 18 अक्टूबर को सूर्यापेट के मुसी से बरामद किया गया था। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला कि साईं राम परिवार की गाड़ी में आखिरी बार कहीं गए थे। शव मिलने के बाद साईं राम के माता-पिता उसी कार में मोरचुरी गए थे। वहां उन्होंने बेटे के शव की शिनाख्त की। पुलिस का शक इसलिए भी गहरा गया क्योंकि माता-पिता ने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। पुलिस ने पूछताछ की तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
हत्या से पहले मंदिर ले गए पुलिस ने बताया कि 18 अक्टूबर 2022 को आरोपी सत्यनारायण और रवि पारिवारिक कार में साईं राम को एक मंदिर ले गए थे। वहां बाकी आरोपी उससे मिले। सभी ने मिलकर शराब पी और नशे में धुत होकर रस्सी से साईं राम का गला घोंट दिया। इसके बाद आरोपियों ने शव को मुसी नदी में फेंक दिया। साजिश में लड़के का मामा भी शामिल था। हुजूराबाद सर्कल इंस्पेक्टर रामलिंग रेड्डी के अनुसार, दंपति ने मामा सत्यनारायण को हत्या की साजिश में शामिल किया था। उन्होंने योजना में मिरयालागुड़ा मंडल के आर रवि, डी धर्मा, पी अगराजू, डी साई और बी रामबाबू को भी शामिल किया। हत्या के लिए डेढ़ लाख रुपये एडवांस में दिए गए थे। बाकी साढ़े छह लाख रुपये हत्या के तीन दिन बाद देने का फैसला किया गया। पुनर्वास केंद्र भी भेजा था। क्षत्रिय राम सिंह मारिपेडा बांग्ला गांव के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं, जिन पर बेटे की हत्या में सुपारी होने का आरोप है। उनकी पत्नी गृहिणी हैं। दंपति की एक बेटी है जो अमेरिका में बस गई है। परिवार ने मृतक साईं राम को नशामुक्ति के लिए हैदराबाद के एक पुनर्वास केंद्र भी भेजा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इससे निराश होकर माता-पिता ने उसे मारने के लिए सुपारी दी।