दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी गोपीचंद की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। गोपीचंद अपनी पत्नी की हत्या तंत्र-मंत्र से कराने के लिए तांत्रिक के पास गया था। उसने तांत्रिक को साढ़े चार लाख रुपए दिए थे। रुपए के लालच और खुद के फंसने के डर में तांत्रिक ने सिपाही गोपीचंद की ही हत्या कर दी। फिर शव को गंगा नदी में फेंक दिया। लाश अभी बरामद नहीं हो सकी है। हत्यारोपी तांत्रिक गणेशानंद को शुक्रवार रात मेरठ पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने जब उसे सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया। हत्यारोपी तांत्रिक मूल रूप से फतेहपुर के सिमौरा गांव का रहने वाला है।
छुट्टी पर आने के बाद गायब था हेड कॉन्स्टेबल…
मेरठ के सरधना के पोहल्ली गांव का रहने वाला गोपीचंद दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था। गोपीचंद छुट्टी पर मेरठ अपने घर आया था। 26 मार्च को उसने नौकरी से 8 अप्रैल तक की छुट्टी ली थी। 26 मार्च को ही गोपीचंद बैंक से लोन के 14 लाख रुपए लेने निकला, लेकिन घर नहीं लौटा। परिजनों ने खूब खोजा, मगर गोपीचंद नहीं मिला। इसके बाद गोपीचंद की पत्नी रेखा ने सरधना थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। तभी 12 अप्रैल को गोपीचंद की बाइक हस्तिनापुर के गांव सिरजेपुर के पास मिली थी।
तांत्रिक को दिए थे साढ़े चार लाख…
गोपीचंद एक साल से तांत्रिक गणेशानंद के संपर्क में था। पत्नी रेखा को मरवाने के लिए उसने तांत्रिक को साढ़े चार लाख रुपए दिए थे। जब गोपीचंद ने तांत्रिक से पूछा कि पत्नी क्यों नहीं मरी। फिर तांत्रिक ने उसे 26 मार्च को किसी बहाने हस्तिनापुर बुलाया। तांत्रिक को डर था कि सिपाही की बीवी को नहीं मरवा सका तो कहीं ये रुपए वापस न मांग ले। मुझे अरेस्ट न कर ले। इसलिए तांत्रिक ने साजिश रचकर गोपीचंद को 26 मार्च को हस्तिनापुर बुलाया। वहां बुलाकर तांत्रिक ने सिपाही की गला रेतकर हत्या कर दी। लाश को गंगा में फेंक दिया था।
भाई ने जताया था तंत्र-मंत्र का शक…
एक महीने से पुलिस और परिजन गोपीचंद की तलाश में थे। लेकिन, सुराग नहीं मिल रहा था। बुधवार को गोपीचंद का भाई आदित्य मौर्य और सिपाही की पत्नी रेखा एसपी देहात कमलेश बहादुर से मिलने पहुंचे। उनसे कहा- अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। तभी आदित्य ने शक जताया कि भाई गोपीचंद हस्तिनापुर में किसी साधु से सिरजेपुर में मिलने अक्सर जाता था। 26 मार्च को भी सिपाही घर में कुल 15 मिनट रुका और बाबा के पास जाने की बात कहकर निकल पड़ा था। उसकी लास्ट लोकेशन भी मेरठ के लावड़ मिली थी। बाइक हस्तिनापुर जंगल में लावारिस मिली।
एक साल से तांत्रिक के संपर्क में था सिपाही…
सिपाही के भाई की बात सुनने के बाद पुलिस हस्तिनापुर पहुंची। वहां गणेशानंद से संपर्क कर उससे पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ करने पर तांत्रिक ने पूरा सच उगल दिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि ढाई साल पहले गोपीचंद अपनी पत्नी रेखा को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए शुक्रताल में मिला था। इसके बाद गोपीचंद लगातार बाबा गणेशानंद से मिलता रहा। अपनी पत्नी को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए दबाव बनाता रहा। इसके बदले में गोपीचंद ने बाबा गणेशानंद को एक साल के अंदर करीब ढाई लाख रुपए, जिसमें कुछ नगद और कुछ ऑनलाइन-पे के माध्यम से दिया था। 24 मार्च को गोपीचंद ने बाबा के खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।
प्रेम-प्रसंग में पत्नी बाधा बन रही थी…
पुलिस के अनुसार, हेड कॉन्स्टेबल गोपीचंद का किसी और युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। पत्नी उसकी प्रेम कहानी में रोड़ा बन रही थी। गोपीचंद को लगता था कि पत्नी के रहते वो प्रेमिका से शादी नहीं कर पाएगा। इसलिए उसने तांत्रिक से पत्नी को मारने के लिए रकम दी थी। बता दें कि पिछले एक महीने से लापता गोपीचंद को उसका परिवार तलाश रहा था।
रुपए लेकर 26 मार्च को पहुंचा था गोपीचंद…
25 मार्च को 90 हजार रुपए गोपीचंद ने तांत्रिक के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे। तांत्रिक गणेशानंद ने 26 मार्च को गोपीचंद को डेढ़ लाख रुपए लेकर अपने आश्रम पर आने और गोपीचंद की पत्नी रेखा को तंत्र-मंत्र करने के लिए बुलाया था। गोपीचंद अपनी बाइक से एक मुर्गा लेकर तांत्रिक के आश्रम पहुंचा था। तांत्रिक धारदार हथियार लेकर गोपीचंद के साथ सिरजेपुर गांव के पास गंगा किनारे तंत्र-मंत्र करने के लिए पहुंचा। तांत्रिक तंत्र-मंत्र करने लगा और गोपीचंद वहीं पास में लेट गया।
पहले मुर्गे की बलि दी फिर गोपीचंद को मारा…
तांत्रिक ने पहले मुर्गे की बलि दी और फिर उसी धारदार हथियार से लेटे हुए गोपीचंद के गले पर प्रहार कर घायल कर दिया। इससे गोपीचंद की मौके पर ही मौत हो गई। तांत्रिक गणेशानंद ने पास बह रही गंगा नदी में गोपीचंद के शव को फेंक दिया। उसके मोबाइल को भी गंगा में फेंक दिया।
तांत्रिक बोला- मैं रेखा को नहीं मार सकता था…
तांत्रिक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसे पता था कि कॉन्स्टेबल की बीवी को नहीं मार सकता। मुझे तो बस उससे रुपए ऐंठना था। मुझे डर था कि कहीं मेरी सारी करतूत कहीं सामने न आ जाए। ये सिपाही मुझसे अपना पैसा मांग लेगा और मुझे जेल में डाल देगा। इसी डर से मैंने इसकी हत्या का प्लान बनाया। अपने प्लान के अनुसार मैंने सिपाही को 26 मार्च को हस्तिनापुर अपने अड्डे पर बुलाया था। एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि गोपीचंद दिल्ली पुलिस में सिपाही था। 26 मार्च को लापता था। 30 मार्च को पत्नी रेखा ने लापता की रिपोर्ट की थी। 12 अप्रैल को गंगा किनारे सिपाही की बाइक मिली थी। बाद में तांत्रिक के संपर्क की बात सामने आई थी। जांच में पता चला कि कॉन्स्टेबल तंत्र विद्या से पत्नी को मरवाना चाहता था। तांत्रिक ने बाद में कॉन्स्टेबल को मारा और भाग गया था। पुलिस ने तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है।