Mohanlalganj Lok Sabha Seat: हाई प्रोफाइल मोहनलालगंज सुरक्षित सीट पर भाजपा के कौशल किशोर हैट्रिक लगाने की कर रहे हैं, कोशिश
मोहनलालगंज: उत्तर प्रदेश की सियासत में मोहनलालगंज लोकसभा सीट की अपनी खासियत है और यह सीट हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार की जाती है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उन्नाव जिले के बीच में पड़ने वाली मोहनलालगंज सीट पर भारतीय जनता पार्टी के कौशल किशोर का कब्जा है और वह अभी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाला मोहनलालगंज संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
मोहनलालगंज सीट का संसदीय इतिहास
मोहनलालगंज लोकसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यह सीट साल- 1962 के लोकसभा चुनाव में वजूद में आई, तब कांग्रेस की गंगा देवी यहां से पहली बार सांसद चुनी गईं। इसके बाद वह साल-1967 और साल- 1971 में भी जीत हासिल कर लगातार 3 बार सांसद बनने में कामयाब रहीं। इस बीच देश में इमरजेंसी लगा दी गई और इसके बाद साल- 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के रामलाल कुरील ने कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए शानदार जीत हासिल की और संसद पहुंचे।
लोकसभा सीट हर राजनैतिक दल के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह राजधानी लखनऊ से बिल्कुल सटी हुई है। इसलिए हर पार्टी इसे जीतना चाहती है। यह सीट साल- 1962 में अस्तित्व में आई थी। अब तक इस पर 14 बार चुनाव हुए थे। साल- 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस के कैलाश पति ने यहां से जीत हासिल की। साल- 1984 में कांग्रेस नेता जगन्नाथ प्रसाद ने जीत दर्ज की, लेकिन साल- 1989 में जनता दल ने यहां से जीत हासिल कर कांग्रेस के रथ को रोका और फिर कांग्रेस यहां दुबारा नहीं आ सकी।
साल- 1991 के चुनाव में देश में राम लहर दिखी और भारतीय जनता पार्टी की बड़े स्तर पर एंट्री हुई। बीजेपी के छोटे लाल ने तब यहां से जीत हासिल कर बीजेपी का खाता भी खोला। साल- 1996 में बीजेपी की पूर्णिमा वर्मा विजयी रहीं। इसके बाद यहां पर समाजवादी पार्टी अपनी मजबूत पकड़ बनाती है। साल- 1998 और साल- 1999 के चुनाव में सपा की रीना चौधरी लगातार 2 बार विजयी हुईं। इसके बाद साल- 2004 के चुनाव में सपा के जय प्रकाश रावत सांसद चुने गए। साल- 2009 में भी मोहनलालगंज सीट सपा के पास ही रही। तब सुशीला सरोज सांसद बनी थीं।
साल- 2014 में एक बार फिर बीजेपी के कौशल किशोर यहां से चुनाव जीते। साल- 2019 लोकसभा चुनाव में कौशल किशोर बाजी मार ले गए और तीसरी बार भाजपा ने एक बार फिर कौशल किशोर पर ही दांव लगाया है। साल-2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार कौशल किशोर को अपना प्रत्याशी बनाया तो सपा ने आर के चौधरी पर दांव लगाया है तो वहीं बसपा ने जैश कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है। देखना होगा कि कौशल किशोर हैट्रिक लगाने में कामयाब होते हैं अथवा सपा के आर के चौधरी उनसे सीट इस बार छीन लेते हैं।
लोकसभा सीट मोहनलालगंज सुरक्षित में 5 विधानसभाएं
मोहनलालगंज लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें सिधौली, मलीहाबाद, बख्शी का तालाब, सरजोनी नगर और मोहनलालगंज विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें सिधौली सीट सीतापुर जिले में आती है और बाकी सभी विधानसभा सीटें लखनऊ जिले में आती है। इन सभी पांचों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। 5 में से 3 विधानसभा सीटें तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बख्शी का तालाब, सरोजनी नगर और मलीहाबाद सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, जबकि मोहनलालगंज में सपा और सिधौली सीट पर बसपा का ने चुनाव जीता।
लोकसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या
लोकसभा चुनाव में मोहनलाल गंज सीट पर कुल 19 लाख, 56 हज़ार, 358 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 10 लाख, 49 हज़ार, 51 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 9 लाख, 7 हज़ार, 245 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या- 62 है।
साल- 2004 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2004 में मोहनलाल गंज लोकसभा सीट पर सपा के जयप्रकाश ने यहां से चुनाव जीता था। जयप्रकाश ने बसपा के राधे लाल को हराया था। जयप्रकाश को कुल 1 लाख, 48 हज़ार, 578 वोट मिले थे, जबकि बसपा के राधे लाल को कुल 1 लाख, 46 हज़ार, 10 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बीजेपी के मस्तराम रहे। मस्तराम को कुल 1 लाख, 15 हज़ार, 989 वोट मिले थे।
साल- 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 में मोहनलाल गंज लोकसभा सीट पर सपा की सुशीला सरोज ने चुनाव जीता था। सुशीला को कुल 2 लाख, 56 हज़ार, 367 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बसपा के जयप्रकाश रहे। जय प्रकाश को कुल 1 लाख, 79 हज़ार, 772 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर आरके चौधरी रहे। आरके चौधरी आएसबीपी से चुनाव लड़े थे। चौधरी को कुल 1 लाख, 44 हजार, 341 वोट मिले थे।
साल- 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर साल- 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कौशल किशोर ने चुनाव जीता था। कौशल किशोर को कुल 4 लाख, 55 हज़ार, 274 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के आर के चौधरी रहे। चौधरी को कुल 3 लाख, 9 हज़ार, 858 वोट मिले थे, जबकि तीसरे नंबर पर सपा की सुशीला सरोज थी। सुशीला को कुल 2 लाख, 42 हजार, 366 वोट मिले थे।
साल- 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसद कौशल किशोर को मैदान में उतारा था, जिनके सामने बहुजन समाज पार्टी के सीएल वर्मा मैदान में थे। चुनाव में बसपा और सपा के बीच चुनावी तालमेल था, ऐसे में यह सीट बसपा के खाते में आई। चुनाव में कौशल किशोर को 6 लाख, 29 हजार, 748 वोट मिले तो सीएल वर्मा के खाते में 5 लाख, 39 हजार, 519 वोट आए। कांग्रेस के प्रत्याशी आर के चौधरी को महज 60 हजार, 61 वोट मिले। रिजर्व मोहनलालगंज संसदीय सीट पर मुकाबला कांटे का रहा जिसमें कौशल किशोर को 90 हजार, 229 मतों के अंतर से जीत मिली।
मोहनलालगंज क्षेत्र का जातीय समीकरण
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मोहनलालगंज संसदीय सीट पर ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। यहां पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 35 प्रतिशत है, तो अनुसूचित जनजाति की आबादी एक फीसदी से भी कम है। ऐसे में एससी वोटर्स ही यहां पर जीत का खाका तय करते हैं। शुरुआती दौर में कांग्रेस की गंगा देवी ने 60 के दशक में लगातार 3 चुनाव जीतकर यहां पर चुनावी जीत की हैट्रिक लगाई थी। लेकिन उसके बाद यहां पर कोई भी सांसद हैट्रिक नहीं लगा सका है।
सपा भले ही लगातार 4 बार चुनाव जीतने में कामयाब रही थी। बसपा तो यहां से अपना खाता तक नहीं खोल सकी है, ऐसे में उस पर भी नजर होगी क्योंकि यह सीट एससी के लिए रिजर्व है और मायावती की पार्टी यहां पर अब तक अपनी पहली जीत से दूर है। क्या इस बार कौशल किशोर अपने खाते में जीत के साथ हैट्रिक लगा पाएंगे या फिर विपक्षी दल आपसी एकजुटता दिखाते हुए राजधानी लखनऊ से सटी सीट पर बीजेपी के जीत पर ब्रेक लगाते हैं।