यूपी में आनलाइन मुआयना राजस्व पोर्टल प्रकिया शुरू करने मे प्रतापगढ़ बना पहला जिला
प्रतापगढ़। देश में डिजिटलाइजेशन की ब्ययवस्था कई वर्षों से लागू है, उसी के क्रम में उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ के कलेक्ट्रेट में स्थापित अभिलेखागार में आनलाइन मुआयना करने के लिए राजस्व पोर्टल प्रकिया शुरू किया गया। इस तरह जनपद प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश आनलाइन मुआयना करने के लिए का पहला जनपद बन गया। अभिलेखागार में अब मुआयना करना आसान हो गया है। कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में पुरानी पत्रावली की नकल तत्काल मिलेगी। डीएम संजीव रंजन ने राजस्व अभिलेख पोर्टल का उद्घाटन किया। परन्तु अभिलेखागार से गायब कागजात आज तक जो नहीं मिले, उनके लिए किसी के पास कोई जवाब नहीं है।
कलेक्ट्रेट स्थित अभिलेखागार में उद्घाटन के दौरान डीएम प्रतापगढ़ संजीव रंजन ने कहा कि आनलाइन मुआयना से जनसामान्य एवं अधिवक्ताओं को बेहतर सुविधा मिलेगी। डीएम संजीव रंजन के नेतृत्व में राजस्व के मामलों में जनता को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर नये प्रयोग लगातार किये जा रहे हैं। डीएम संजीव रंजन की बेहतर कार्यशैली की जिले में प्रशंसा हुई। बेहतर कार्य करने वाले हर ब्यक्ति की प्रशंसा होनी चाहिये। उद्घाटन के दौरान डीएम संजीव रंजन के साथ मुख्य राजस्व अधिकारी राकेश गुप्ता, जूनियर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहित शुक्ला, महामंत्री संतोष सिंह मौजूद रहे।
वहीं जिले के राजस्व न्यायालय सहित तहसीलों के राजस्व न्यायालयों की बिगड़ती स्थिति पर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ को विशेष ध्यान देना होगा। जब कलेक्ट्रेट के सीआरओ कोर्ट से 1700 पत्रावलियां लगभग गायब हैं और सदर तहीसील के उप जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय से सैकड़ों पत्रावलियां गायब हैं और कोर्ट के संचालन के दौरान हाकिम के मौजूदगी में डायस पर ही गायब पत्रावलियों को लेकर पेशकार/अहलमद से गाली गलौज होती है। इससे न्यायालय की गरिमा लगातार गिरती जा रही है। मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ और उप जिला मजिस्ट्रेट सदर अपनी कोर्ट में बैठकर सुनवाई नहीं कर पा रहे हैं। अधिवक्ताओं द्वारा उन्हें कोर्ट के संचालन से रोक दिया जाता है।
यूं कहे कि हाकिम को कोर्ट से भागने के लिए विवश होना पड़ता है। राजस्व अधिकारियों को अपने कार्य पद्धति में बदलाव लाने की जरुरत है, जो नहीं लाई जा रही है। रानीगंज में तहसीलदार की कोर्ट में विवादित पत्रावलियों से वकालतनामा और आपत्ति प्रार्थना पत्र निकाल कर कूड़ेदान में फेंक दिया गया था, जिसे मिलने के बाद अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा किया था। मुख्यमंत्री जी की पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के साथ-साथ राजस्व परिषद् उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सहित मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी प्रतापगढ़ को शिकायत प्रेषित की गई, परन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई। मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़ को अधिवक्ताओं ने ज्ञापन भी सौंपा था, परन्तु उसे भी लगता है कि कूड़ादान में फेंक दिया गया।