पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा, दोहरे हत्याकांड को दिया था अंजाम
पटना। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता प्रभुनाथ सिंह को 1995 में हुए दोहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सज़ा दी है। चार बार लोकसभा सांसद रह चुके सिंह को इस मामले में निचली अदालत और हाई कोर्ट ने बरी किया था, लेकिन 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों फैसलों को पलटते हुए उन्हें दोषी करार दिया था। प्रभुनाथ सिंह हत्या के एक अन्य मामले में पहले से उम्र कैद की सज़ा काट रहे हैं।
क्या है मामला…
1995 में बिहार के छपरा में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की एक मतदान केंद्र के नज़दीक हत्या हुई थी। यह आरोप लगा था कि प्रभुनाथ सिंह ने दोनों को इसलिए मार डाला क्योंकि उन्होंने प्रभुनाथ के कहने के मुताबिक मतदान नहीं किया था। इस मामले में सिंह को 2008 में निचली अदालत और 2012 में पटना हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, अभय एस ओक और विक्रम नाथ की बेंच ने कहा है कि मामले में प्रभुनाथ के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
आज क्या हुआ…
18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के गृह सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया था कि प्रभुनाथ सिंह को गिरफ्तार किया जाए और 1 सितंबर को पेश किया जाए। हालांकि, बाद में जजों ने साफ किया कि प्रभुनाथ को पेशी के लिए सुप्रीम कोर्ट लाने की ज़रूरत नहीं है। इसलिए, उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए पेश किया गया। प्रभुनाथ के वकील ने उनकी उम्र का हवाला देते हुए रियायत की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने उम्रकैद की सज़ा की घोषणा कर दी। जजों ने बिहार सरकार और प्रभुनाथ को यह आदेश भी दिया कि दोनों पीड़ितों के परिवार को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
पहले से काट रहे हैं उम्रकैद…
पहले जेडीयू और बाद में आरजेडी में रह चुके प्रभुनाथ को साल-2017 में विधायक अशोक सिंह की हत्या में भी दोषी करार दिया गया था। इस मामले में भी उन्हें उम्रकैद की सज़ा मिली थी. फिलहाल वह झारखंड की हजारीबाग जेल में बंद हैं।