उद्यान विभाग की जारी एनओसी को एक कूटरचित आदेश के जरिये बिना सत्यापन किये क्षेत्रीय अधिकारी, उ प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, रायबरेली ने जनपद के दो ईंट भट्ठे को बंद करने का सुनाया था,फरमान
प्रतापगढ़ में जितने ईंट भट्ठे संचालित हैं, उनमें जितनी कमियां मे.एस.के.ब्रिक्स फील्ड पिपरी खालसा तहसील-रानीगंज एवं मे.जय शक्ति ईंट उद्योग पिपरी खालसा तहसील-रानीगंज में हैं, उतनी कमियां अन्य ईंट भट्ठे में भी होगी, बल्कि अधिक होंगी। फिर इन दो ईंट भट्ठों के मालिकों से गुंडा टैक्स वसूली में क्या जिला प्रशासन सहित सम्बन्धित विभाग जो एनओसी जारी किये हैं, वह भी शामिल है…
प्रतापगढ़। जनपद प्रतापगढ़ को दूसरे जनपद वाले इसे बड़का जिला कहते हैं, जबकि यह बड़का जिला नहीं है, फिर भी बड़का जिला कहने के पीछे की वजह यह है कि यहाँ बड़े-बड़े कारनामें कारित होते हैं। सबसे अधिक कारनामें तो यहाँ की भ्रष्ट और निकम्मी नौकरशाही करती है। अक्सर देखने व सुनने को मिलता है कि नियम विरुद्ध कार्य भी प्रतापगढ़ में तैनात भ्रष्ट और निरंकुश नौकरशाही करने से परहेज नहीं करती। नौकरशाही का अधीनस्थ कर्मचारी तो उससे बड़ा नटवरलाल है। वह तो कुछ भी करने की माद्दा रखता है। प्रतापगढ़ में तैनात अधिकारियों और उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यों को देखने से लगता है कि वह जो कार्य किये हैं, वह नशे में होकर किये हैं अथवा मोटी रकम लेने के बाद ही वह कार्य सम्पन्न किया गया हैं। ऐसे भ्रष्ट और निरंकुश नौकरशाह रिश्वत लेकर अथवा राजनीतिक दबाव में जब नियम विरुद्ध कार्य को अंजाम देते हैं तो उस कार्य से शासन और प्रशासन के निकम्मेपन की बात सामने आती है। साथ ही जनमानस में यह सन्देश भी चला जाता है कि नियम कानून को ताक पर रखकर एक नौकरशाह तभी किसी कार्य का निष्पादन करता है, जब वह उस कार्य के बदले में रिश्वत ले चुका होता है अथवा उस नौकरशाह पर राजनीतिक रूप से गलत तरीके से कार्य को करने का दबाव रहता है।
आज खुलासा इंडिया आप सबको एक ऐसे प्रकरण की हकीकत से परिचय कराएगा जिसे जान समझकर आप भी हैरान व परेशान हो जायेंगे। समाज में दो मुंह वाले सांप को बहुत से लोग देखें होंगे, परन्तु इंसान भी दो मुंह वाले सांप के समान होता है, ऐसे इंसान को न देखा होगा। ऐसे दो मुंह वाले इंसानों से सावधान रहना बहुत आवश्यक होता है। समय-समय पर ऐसे दो मुंह वाले इंसानों चेहरे से नकाब उतारना चाहिए,ताकि समाज के लोग ऐसे दो मुंह वाले इंसानों को जान व समझ सके। आज ऐसे दो मुंह वाले इंसानों के चेहरे से उसकी सच्चाई उजागर कर आमजन मानस को हकीकत बताकर धोखेबाजों और निकम्मों के गठजोड़ की गांठ को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अक्सर गलत कार्य करने की जब कोई शिकायत की जाती है तो वह गलत कार्य करने वाला ब्यक्ति अपने बचाव में ऐसे पेपर तैयार करता है, ताकि उस गलत कार्य के आरोप से उसकी गर्दन बच सके। उस दशा में कूट रचना करके अपने बचाव में गलत पेपर तैयार करने की बात देखा व सुना था, परन्तु किसी भले ब्यक्ति को हैरान व परेशान करने के इरादे से ऐसे कूट रचित दस्तावेज तैयार करके शिकायत करना, ताकि उसके आधार पर ब्यवस्था में बैठे हुक्मरान उस कागजात का बिना सत्यापन किये ही आरोपी के खिलाफ निर्णय लेकर उसके ब्यवसाय और उसे बर्बाद करने का आदेश निर्गत कर दे।
जिला उद्यान विभाग के कूट रचित आदेश के आधार पर पहले उ प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, रायबरेली के क्षेत्रीय अधिकारी ने बिना सत्यापन कराए ही बंदी आदेश कर दिया जारी…
कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ के यहाँ से पत्रांक संख्या- 1278/ईंट भट्ठा /2016-17/प्रतापगढ़ दिनांक- 30मार्च, 2016 को जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी किया गया है जो उ प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, रायबरेली और सम्बन्धित ईंट उद्योग को प्रतिलिपि किया गया है। मजेदार बात यह है कि जिन सम्बन्धित ईंट उद्योग को चिन्हित किया गया है, उस ईंट भट्ठे की फार्म का नाम तक कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ को नहीं पता। यानि ईंट भट्ठे की फर्म का नाम ही गलत लिखा गया है। जिससे मन में शंका हुई कि यह आदेश कहीं कूटरचित तो नहीं है। जब कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ के यहाँ से उक्त आदेश का सत्यापन कराया गया तो पता चला कि उक्त निर्गत आदेश कूटरचित है। अब सवाल उठता है कि आखिर उक्त आदेश किसने तैयार किया और उक्त आदेश से किसे फायद होता और किसे नुकसान होता ? अब दुसरे पहलू पर विचार करते हैं। कमला देवी प्रधान ग्राम पिपरी खालसा द्वारा शिकायत की गई है, जिसमें मे. एस. के. ब्रिक्स फील्ड पिपरी खालसा तहसील-रानीगंज प्रतापगढ़ एवं मे. जय शक्ति ईंट उद्योग पिपरी खालसा तहसील-रानीगंज प्रतापगढ़ का नाम अंकित है। दोनों ईंट भट्ठे की शिकायत में एक ही बात जिक्र है कि दोनों ईंट भट्ठे नियमानुसार NOC जारी नहीं की गई है। दोनों ईंट भट्ठे फल पट्टी बफर जोन सीमा के अंतर्गत हैं।
उक्त आदेश में इस बात का भी उल्लेख है कि कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ के यहाँ से पत्रांक संख्या- 1306 दिनांक-05 फरवरी, 2014 द्वारा मे. एस.के.ब्रिक्स फील्ड पिपरी खालसा एवं पत्रांक संख्या- 1273 दिनांक-24 जनवरी, 2015 मे. जय शक्ति ईंट उद्योग को जारी एनओसी को नियमानुसार न होने के कारण तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। उक्त आदेश कार्यालय जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ के यहाँ से पत्रांक संख्या- 1278/ईंट भट्ठा /2016-17/प्रतापगढ़ दिनांक- 30मार्च, 2016 को जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी किया गया है। आश्चर्यजनक बात यह है कि उक्त आदेश के बल पर उ प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, रायबरेली के क्षेत्रीय अधिकारी ने मे. एस. के. ब्रिक्स फील्ड पिपरी खालसा के सम्बन्ध में फल पट्टी के बफर जोन में संचालित होने के दृष्टिगत बंदी आदेश दिनांक-27/03/2018 को निर्गत कर दिया था। अब जिलाधिकारी प्रतापगढ़ महोदय के यहाँ से भी उक्त बंदी आदेश दिनांक-27/03/2018 के क्रम में पत्रांक संख्या-283/खनन/2022 दिनांक-26/04/2022 को उ प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संदर्भित आदेश में एसडीएम रानीगंज, प्रतापगढ़ को इस निर्देश के साथ प्रेषित कि सभी सम्बन्धित से समन्वय स्थापित करके प्रश्नगत ईंट भट्ठे को तीन दिवस के अन्दर बंद कराना सुनिश्चित करें और कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को अवगत करायें।
उ प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय कार्यालय, रायबरेली के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा जारी बंदी आदेश को सच मानकर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने भी ईंट भट्ठे को तीन दिवस में बंद कराने का दे दिया आदेश…
मजेदार बात यह कि शिकायतकर्ती अब इस दुनिया में नहीं है और उनके पुत्र योगेश मिश्र “योगी” द्वारा इस शिकायत की पैरोकारी वर्तमान में की जा रही है। सच बात तो यह है कि स्वर्गीय कमला देवी प्रधान ग्राम पिपरी खालसा द्वारा जो शिकायत की गई थी वह उनके संज्ञान में ही न रही हो ! क्योंकि कमला देवी प्रधान ग्राम पिपरी खालसा के पुत्र योगेश मिश्र “योगी” ही उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते थे और वही सारे कार्य उनके देखा करते थे। यानि शिकायत में जिस कूटरचित आदेश को आधार बनाया गया वह किसने तैयार किया और क्यों तैयार किया ? यह तो जाँच का विषय है, परन्तु प्रकरण अति गंभीर है। जनपद प्रतापगढ़ में एक जमाने में जब भट्ठा मालिक काशी पाण्डेय और पूर्व मंत्री मोती सिंह के बीच और योगेश दुबे और योगेश मिश्र “योगी” के बीच ईंट भट्ठा के संचालन में शिकायतों का दौर चलता था और दोनों की निजी दुश्मनी का शिकार जिले के सम्पूर्ण भत्ता स्वामियों को उठाना पड़ता था। ईंट भट्ठा संचालन करने वाले काशी पाण्डेय समय के साथ ईंट भट्ठा का ब्यवसाय बंद कर दिए, जिससे पूर्व मंत्री मोती सिंह और काशी पाण्डेय का युद्ध विराम हो गया। इसी तरह पिपरी खालसा के रहने वाले योगेश मिश्र “योगी” और योगेश दुबे में भी वैचारिक मनमुटाव कम हो गया, परन्तु योगेश योगी के मुंह में लगा खून वह भूल नहीं पा रहे हैं। पिपरी खालसा और अगल बगल क्षेत्र में कई ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं और कई ईंट भट्ठे के स्वामी का आरोप का है कि योगेश योगी ईंट भट्ठा संचालित करने के लिए गुंडा टैक्स मांगते हैं और जो नहीं देता उसके भट्ठे के खिलाफ शिकायत करके उसका भट्ठा बंद कराने के लिए हर स्तर पर उताऊ हो जाते हैं।
उद्योग विहीन जनपद प्रतापगढ़ में लगभग 400 ईंट भट्ठे संचालित हैं। ईंट भट्ठा स्थापित करने के लिए सबसे पहले पक्की चिमनी स्थापित करने के लिए स्वयं की जमीन अथवा लीज की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होना आवश्यक होता है। ईंट भट्ठे की स्थापना के लिए जिला पंचायत कार्यालय में एक रजिस्ट्रेशन कराना होता है और उसी के साथ जिला उद्यान विभाग से बफर जोन और फलपट्टी क्षेत्र में भट्ठा स्थापित न होने की NOC लेनी पड़ती है और उसी आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्तर प्रदेश से भी NOC लेनी पड़ती है। तब कहीं जाकर भट्ठा और पक्की चिमनी लगाने की अनुमति जिला प्रशासन की तरफ से मिलती है। अब बारी आती है, ईंट बनाने के लिए मिट्टी की खुदाई हेतु खनन विभाग से रायल्टी फीस जमाकर अनुमति लेने की। जब इतनी सारी औपचारिकता को पूरा कर लेते हैं तो ईंट को बिक्री करने के लिए वाणिज्य कर विभाग में फार्म का जीएसटी में रजिस्ट्रेशन। ताकि सरकार को एक मोटी रकम टैक्स के रूप में अर्जित हो सके। इसके लिए अधिकांश फार्म के स्वामी एक मुश्त समाधान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराकर फुर्सत हो लेती हैं। ईंट भट्ठे पर जो मजदूर कार्य करते हैं, उनका रजिस्ट्रेशन श्रम कार्यालय में कराया जाता है। ताकि किसी मजदूर के साथ कोई दुर्घटना घटित होने पर उन्हें चिन्हित किया जा सके और उनको आर्थिक रूप से सहायता दिलाई जा सके। प्रतापगढ़ में जितने ईंट भट्ठे संचालित हैं, उनमें जितनी कमियां मे. एस. के. ब्रिक्स फील्ड पिपरी खालसा तहसील-रानीगंज एवं मे. जय शक्ति ईंट उद्योग पिपरी खालसा तहसील-रानीगंज में हैं, उतनी कमियां अन्य ईंट भट्ठे में भी होगी, बल्कि अधिक होंगी। फिर इन दो ईंट भट्ठों के मालिकों से गुंडा टैक्स वसूली में क्या जिला प्रशासन सहित सम्बन्धित विभाग जो एनओसी जारी किये हैं, वह भी शामिल है।