निठारी कांड:हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी को किया बरी,पहले मिली थी मौत की सजा
प्रयागराज। पूरे देश को हिला देने वाला दिल्ली एनसीआर नोएडा का बहुचर्चित निठारी कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर बड़ा फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने सजायाफ्ता मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली की अपीलें मंजूर कर ली। कोर्ट ने आरोपियों को सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सारे मामलों में बरी कर दिया। कोर्ट ने कोली को 12 मामलों में निर्दोष पाया। इन मामलों के लिए उसे पहले मौत की सजा दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने पंढेर को भी 2 मामलों में निर्दोष पाया गया, जिसमें उसे मौत की सजा दी गई थी।
सबसे चर्चित हत्याकांड…
बता दें कि दिल्ली एनसीआर नोएडा का सबसे चर्चित रहा है। निठारी कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इससे पहले गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने कोली और पंढेर को 2005 और 2006 के बीच कई बच्चियों के बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था।यह घटना दिसंबर 2006 में सामने आई जब नोएडा के निठारी गांव में एक घर के पास नाले में कंकाल पाए गए। जांच करने पर कोली और उसके नियोक्ता पंढेर को पीड़ितों में से एक के लापता होने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया।
कोली के कबूलनामे के बाद पुलिस ने आस-पास की ज़मीन की खुदाई शुरू की और बच्चों के शव खोजे। मामला जल्द ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया। सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए, उनमें से सभी में हत्या, अपहरण और बलात्कार के अलावा सबूतों को नष्ट करने के लिए सुरिंदर कोली और एक में अनैतिक तस्करी के लिए पंढेर पर चार्जशीट दायर किया। कई बच्चों के लापता होने की सूचना मिलने के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहने पर दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया था।