अजब गजब:जीवित रहते हुए की अपनी तेरहवीं,तेरहवीं में शामिल हुआ पूरा गांव, 2 दिन बाद हुई मौत,हर कोई रह गया दंग
एटा। पश्चिम उत्तर प्रदेश के एटा जिले सकीट थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है।ग्राम मुंशी नगर के रहने वाले जिस व्यक्ति ने जिंदा रहते हुए अपना श्राद्ध का भोज दिया था 2 दिन बाद उसकी मौत हो गई।जीवित रहते हुए सैकड़ों लोगों को अपना मृत्यु भोज खिलाने वाले बुजुर्ग हाकिम सिंह यादव की 2 दिन बाद मौत हो गई है।बुजुर्ग हाकिम सिंह यादव सोए रात को हुए थे, सुबह जब वह नहीं उठे तो लोगों को शक हुआ, जिसके बाद उनके मौत की खबर मिली। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम 70 वर्षीय हाकिम सिंह यादव की तबीयत बिगड़ गई थी। हाकिम ने दवा ली थी।आराम होने पर रात को सो गए। सुबह नहीं उठे। रोजाना की तरह आज भी लोग आग जला रहे थे। लोगों ने हाकिम को उठने की आवाज लगाई,लेकिन हाकिम नहीं उठे। रजाई हटाकर देखने पर हाकिम मृत पाया गया। हाकिम भाई भतीजे शव को घर पर ले गए।सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। परिजनों से बात करके जानकारी ली। सकीट थाना क्षेत्र के ग्राम मुंशीनगर निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग हाकिम सिंह यादव ने कहा था कि उनको अपनों से कोई आस नहीं है। उन्हें नहीं लगता कि मृत्यु के बाद अपने कोई आयोजन कराएंगे।
इसे लेकर हाकिम ने 15 जनवरी को खुद ही अपना तेरहवीं संस्कार और मृत्यु भोज कराया। इस तेरहवी संस्कार और मृत्यु भोज कार्यक्रम में गांव के लोग पहुंचे। ब्राह्मणों को बुलाकर विधि-विधान के साथ हवन-यज्ञ और तेरहवीं संस्कार की सभी रस्में अदा की गईं। हाकिम ने कहा था कि उनके कोई पुत्र-पुत्री नहीं है। परिवार में भाई-भतीजों ने घर और जमीन पर कब्जा कर लिया। वे लोग उनके साथ मारपीट करते हैं। ऐसे में भरोसा नहीं हैं कि मृत्यु होने के बाद वे लोग कुछ करेंगे। सोमवार सुबह तबीयत बिगड़ी तो मन में आया कि अपने सामने ही पंडितों और परिचितों को मृत्युभोज कराएं। इसमें लगभग 700 लोग भोज करने पहुंचे। हाकिम ने बताया था कि कार्यक्रम की व्यवस्था अपनी जमीन बेचकर की है। अपने सामने ही लोगों को मृत्युभोज कराकर अपने मन में कोई बोझ नहीं रखना चाहते। सभी को भोज कराकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। बता दें कि हाकिम सिंह यादव को विवाह के लंबे समय बाद कोई संतान नहीं हुई थी। इसके बाद उनकी पत्नी भी छोड़कर चली गईं। तबसे हाकिम सिंह यादव साधु बाबा के रूप में जीवन बिता रहे थे।