प्रतापगढ़ जनपद के पीडब्लूडी डाक बंगले की सुरक्षा भगवान भरोसे, सदर SDM द्वारा बिना वेरीफिकेशन के VVIP का कर दिया जाता है,चयन
ऐसी लचर ब्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ के डाक बंगले में एक आतंकवादी भी रुक सकता है
प्रतापगढ़। मुंबई से लेकर उत्तर प्रदेश में अपने झांसे में लेकर उत्तर प्रदेश की टॉप ब्यूरोक्रेसी को चूना लगाने वाला फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला प्रतापगढ़ के अंतु थाना में पकड़ा गया, परन्तु प्रभारी निरीक्षक महोदय बिना मुकदमा लिखे उसे बाइज्जत थाने से सम्मान छोड़ दिया। जबकि सामान्य ब्यक्ति यही अंतु पुलिस बिना मुकदमा लिखे और जेल भेजे नहीं छोड़ती। फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला के किस प्रेम में अंतु एसओ साहेब उन्हें सम्मान थाने से जाने दिया, यह तो जाँच का विषय है। जबकि सदर तहसील के नायब तहसीलदार सिटी आनंद कुमार यादव के सरकारी वाहन और उनका वाहन चालक भी अंतु थाना में घंटों रोका गया था। बाद में सरकारी वाहन और वाहन चालक को अंतु पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया और फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला को अंतु थाना में रात्रि भर बैठाये रखा गया था। आमतौर पर पुलिस यदि किसी को थाने पर रात्रि भर बैठाये रखती है तो उसे शांति भंग की आशंका में चालान कर अपना पक्ष मजबूत करती है, ताकि रात्रि भर थाने में बैठा ब्यक्ति पुलिस के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही न कर सके।
डाक बंगले में रोकने के लिए वेरीफिकेशन की ब्यवस्था है, परन्तु किसके दबाव में फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला को पीडब्लूडी डाक बंगले में रोका गया ?
अंतु एसओ ने एक फेंक आईपीएस को पकड़ा तो परन्तु बिना मुकदमा लिखे और जेल भेजे उसे छोड़ दिया। अंतु एसओ की यह बात समझ के परे रही। फेंक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला की पोल खुलने के बाद मामला मीडिया तक पहुँचा तो इस सम्बन्ध में जिले के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल से बात की गई तो उन्होंने प्रकरण संज्ञान में न होने की बात कही और पूरा प्रकरण जानने के बाद एसपी प्रतापगढ़ ने कहा कि यदि अंतु पुलिस इस तरह किसी फेक आईपीएस को पकड़ा था तो उसे मुकदमा लिखकर जेल भेजना चाहिए था। किन परिस्थियों में अंतु एसओ ने ऐसा किया वह नहीं कह सकते। फिलहाल एसपी प्रतापगढ़ सतपाल अंतिल ने खुलासा इंडिया को भरोसा दिलाया कि यदि घटना सही है तो वह एसओ अंतु से इसका फीडबैक लेंगे और स्वयं कार्रवाई करेंगे। देखना होगा कि पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ सतपाल अंतिल फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला पर क्या कार्रवाई करते हैं ? साथ ही बिना किसी कार्रवाई के फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला को ससम्मान छोड़ने वाले एसओ अंतु पर किस प्रकार का एक्शन लेते हैं ?
जिले के टॉप अधिकारी ही नहीं बल्कि फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला के झांसे में कई जज भी हैं, शामिल
एसडीएम सदर उदय भान सिंह जिसके निर्देश पर सदर तहसील के नायब तहसीलदार सिटी आनंद कुमार यादव अपना सरकारी वाहन और वाहन चालक दिए थे, उन पर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन जी क्या कार्रवाई करते हैं ? क्योंकि जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन को सारी घटना पता है। मंडल में बैठे मंडलायुक्त और शासन स्तर पर क्या कार्रवाई निर्धारित की जायेगी, यह तो वक्त बताएगा। क्योंकि उक्त घटनाक्रम सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। इस तरह तो कोई आतंकवादी भी स्वयं को आईपीएस बताकर जिले में आये और पीडब्लूडी डाक बंगले में जाकर ठहर जाए। एसडीएम सदर उदय भान सिंह जैसे अधिकारी से सरकारी वाहन और सरकारी सुरक्षा भी प्राप्त कर ले और किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर जिले से भाग निकले, जैसा फेक आईपीएस भूपेंद्र शुक्ला अंतु पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी थाने से ससम्मान छोड़ दिया गया और थाने से निकलने के बाद उस कहावत को चरितार्थ कर गया कि पंडित आपन लोटा पाये, सोहारी से बाज आये।