पाकिस्तानी हैकर्स ने संभल-अमरोहा के 1200 नंबरों से की साइबर ठगी, आतंकी फंडिंग में रकम जाने का अंदेशा
पाकिस्तानी हैकर संभल और अमरोहा के 1200 से अधिक व्हाट्सएप नंबरों को हैक कर साइबर ठगी कर रहे हैं। अब तक उन्होंने देश में कितने लोगों को ठगा होगा, यह तो नहीं कहा जा सकता, मगर उन्हीं हैकरों ने अलीगढ़ के एक युवक से 1.28 लाख की ठगी की। इसकी जांच में यह खुलासा हुआ। अलीगढ़ साइबर थाना टीम जांच में जुटी है कि ठगी गई रकम किन खातों में पहुंच रही है। एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। एसएचओ साइबर थाना सुरेंद्र सिंह के अनुसार क्वार्सी देवसैनी के युवक ने पिछले वर्ष 25 दिसंबर को 1.28 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें बताया कि उसे पहले एक नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। खुद को किसी कंपनी से जुड़ा बताकर राधिका शर्मा ने कहा कि आपको टेलीग्राम पर रिव्यू देने के प्रति रिव्यू 150 रुपये मिलेंगे। वह उसकी बातों में फंस गया।
शुरुआत में तो रुपये मिले, बाद में उसके खाते से कई बार में रुपये डलवा लिए। जब उसे ठगी का अहसास हुआ तो उसने एतराज जताया। इस पर उसे धमकी दी गई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर व्हाट्सएप नंबरों से आई कॉल का डेटा निकलवाया। वह डेटा संभल-अमरोहा बॉर्डर के कुछ गांवों के लोगों के नाम से था। इनमें एक गांव हसनपुर तहसील का कोरी शहजाद है, जबकि एक गांव संभल का है। उन नंबरों की आईएसपी (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) इस्लामाबाद पाकिस्तान से आना बता रही थी। पाकिस्तान के नंबरों या आईएसपी की डिटेल नहीं मिल सकती थी, इसलिए पुलिस कुछ दिन तो शांत रही। अब पुलिस अमरोहा व संभल के उन लोगों के पास पहुंची, जिनके नाम से व्हाट्सएप नंबर जारी थे।
आतंकी फंडिंग में रकम जाने का अंदेशा
जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि युवक से ठगी गई रकम कहां के खातों में गई है, मगर अंदेशा ये भी है कि कहीं ये हैकर आतंकी फंडिंग के लिए तो भारत के लोगों को निशाना नहीं बना रहे।