इंटेलीजेंस (सीआईडी) की टीम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भारतीय सेना की जासूसी करने वाले दो अभियुक्त को किया गिरफ्तार
जयपुर। स्वतंत्रता दिवस से पहले जयपुर इंटेलीजेंस (सीआईडी) की टीम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भारतीय सेना की जासूसी करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें भीलवाड़ा से नारायणलाल गाडरी और पाली के जैतारण से कुलदीप सिंह शेखावत को पकड़ा गया है। ऑपरेशन सरहद के नाम से चलाए जा रहे इस अभियान में इस साल में अब तक 6 जासूस पकड़े जा चुके हैं। इनमें तीन सैन्यकर्मी भी शामिल हैं। भीलवाड़ा और पाली से गिरफ्तार किये गये दोनों स्थानीय जासूसों को सेना की सामरिक महत्व की सूचनाायें देने की एवज में मोटी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर भेजी जा रही थी। उनसे जयपुर में गहनता से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार आरोपी कुलदीप सिंह शेखावत से पूछताछ में सामने आया है कि वह पाली के जैतारण में शराब के ठेके पर सेल्समेन है। पिछले लंबे वक्त से वह पाकिस्तानी महिला हैंडलर के संपर्क में था। वह उसके इशारों पर फर्जी सैन्यकर्मी बनकर सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाता है। फौजी की वर्दी में फोटो लगाता है। फिर सैन्यकर्मियों से दोस्ती कर सामरिक महत्व की अहम जानकारी हासिल करता है। यह जानकारी वह महिला हैंडलिंग अफसर को पहुंचाता है। आरोपी कुलदीप मूल रूप से जयपुर जिले में विराट नगर का रहने वाला है।
नारायणलाल फर्जी आईडी से सिम कार्ड जारी करवाता है। वहीं भीलवाड़ा जिले से जासूसी के आरोप में पकड़ा गया नारायणलाल गाड़री है। वह पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों के संपर्क में था। वह रुपयों के लालच में आकर पाक हैंडलिंग अफसरों के इशारे पर फर्जी आईडी से मोबाइल नंबरों के सिम कार्ड जारी करवाता है। इन भारतीय नंबरों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर सरहदी इलाकों में सैन्यकर्मियों और स्थानीय लोगों से संपर्क कर भारतीय सेना की अहम जानकारी हासिल करते हैं। नारायणलाल भी इन्हीं मोबाइल नंबरों पर भारतीय सेना की अहम जानकारी भेजता था। पिछले दिनों जोधपुर संभाग में पकड़े गये थे पांच संदिग्ध उल्लेखनीय है कि हाल ही में खुफिया एजेंसियों ने जोधपुर संभाग में भी बड़ी कार्रवाई करते हुये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिये भारतीय सेना की जासूसी करने वाले पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 3 लोगों को जोधपुर से और दो संदिग्धों को भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसे जैसलमेर से पकड़ा गया था। ये पांचों भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से लगातार संपर्क बनाये हुए थे।