फैजाबाद जनपद के शिकोहाबाद पुलिस क्षेत्राधिकारी के दफ्तर में यदि कोई फरियादी किसी अधिकारी या पुलिसकर्मी के पैर छुएगा तो उसे 200 रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। अपने काम के लिए पुलिस के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने की प्रथा पर लगाम लगाने के लिए यह कोशिश की गई है। इस बाबत कार्यालय की दीवार पर वॉल पेंटिंग भी कराई गई है। सामान्य तौर पर यह देखा जाता कि अगर कोई व्यक्ति पीड़ित होता है और कहीं पर उसकी सुनवाई नहीं होती है तो वह व्यक्ति अधिकारी या किसी पुलिसकर्मी के पैरों को भी पकड़ लेता है। गिड़गिड़ाने के साथ ही वह अपने काम की गुहार लगाता है। उसे उम्मीद रहती है कि सरकारी हुक्मरानों का पैर छूने से दिल पसीजेगा और उसका काम हो जाएगा। पैर छूने वालों में बुजुर्गों की भी बड़ी संख्या रहती है।
ऐसे कई उदाहरण सामने आने के बाद शिकोहाबाद सीओ ने इस प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए एक कदम उठाया है। दरअसल, सीओ शिकोहाबाद कमलेश कुमार ने कार्यालय की दीवार पर वॉल पेंटिंग कराई है। इसमें एक नोटिस लिखा हुआ है कि क्षेत्राधिकारी कार्यालय में बाबूजी नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है। इस कार्यालय में कोई भी व्यक्ति पैर न छुए। पैर छूने पर 200 रुपये का जुर्माना देना होगा। इस संबंध में सीओ शिकोहाबाद का कहना है कि हम सभी सरकारी सेवक हैं। सरकार हमें वेतन देती है। कोई बुजुर्ग हम लोगों के पैर छुए यह हमारे संस्कारों के भी खिलाफ है। फरियादी को चाहिए कि वह सामान्य अभिवादन के साथ सामने बैठे और अपनी समस्या बताएं। पुलिस उस समस्या को हल करेगी।
रमेश राज़दार एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जो खुलासा इंडिया के संस्थापक एवं मुख्य संपादक हैं। उन्हें शैक्षिक जीवन में लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ के प्रति ऐसा आकर्षण हुआ कि वर्ष 2000 में पत्रकारिता जगत में स्वयं को स्थापित करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को त्यागकर समाचार पत्र को ही अपना कैरियर चुन लिया। कालांतर में समाचार पत्र को छोड़ मासिक और पाक्षिक पत्रिकाओं में कार्य किया। कुछ दिनों तक सत्यकथा और मनोहर कहानियां जैसी पत्रिकाओं में भी अपना योगदान दिया। डिजिटलाइजेशन का दौर शुरू हुआ तो खुलासा इंडिया वेब न्यूज़ पोर्टल की स्थापना किया। लॉ ग्रेजुएट होने के बाद पत्रकारिता जगत में ही कार्य करने की इच्छा से खुलासा इंडिया की स्थापना कर आज इस मुकाम तक पहुँच सका हूँ। वें जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा धारक हैं।