मध्य प्रदेश पुलिस के नए डीजीपी के चयन के लिए बैठक, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होंगे उम्मीदवार
मध्य प्रदेश के नए पुलिस प्रमुख यानी डीजीपी के चयन को लेकर दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए नौ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई। बैठक में जो तीन नाम पैनल के रूप में सामने आए हैं, उनके बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।
ये नाम हैं-कैलाश मकवाना, अरविंद कुमार और अजय शर्मा। इन तीन वरिष्ठ अधिकारियों में से किसी एक को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा डीजीपी पद पर नियुक्त किया जाएगा। यह निर्णय प्रदेश के पुलिस प्रमुख के चयन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है, और एक दिसंबर से नए डीजीपी का कार्यभार संभालना होगा।
दिल्ली बैठक में कौन थे शामिल? गुरुवार को दिल्ली में हुई बैठक में यूपीएससी के प्रतिनिधि, केंद्रीय गृह मंत्रालय का एक प्रतिनिधि, मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव, और वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना भी शामिल थे। बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित नामों की सूची पर गहन विचार-विमर्श किया गया और इस प्रक्रिया के बाद तीन प्रमुख नामों का चयन किया गया है, जिनमें से एक को डीजीपी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
डीजीपी पद के लिए भेजे गए नामों की सूची, मध्य प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए पैनल में कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम थे, जिनमें से प्रमुख हैं…
1. डीजी जेल जीपी सिंह
2. स्पेशल डीजी आरएपीटीसी इंदौर वरुण कपूर
3. पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी उपेंद्र कुमार जैन
4. स्पेशल डीजी प्रोविजन आलोक रंजन
5. स्पेशल डीजी महिला सेल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव
6. स्पेशल डीजी योगेश मुद्गल
ये सभी अधिकारी 1988 से 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और प्रदेश के पुलिस प्रशासन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाल चुके हैं। इनमें से एक अधिकारी को अगले डीजीपी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस…
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि किसी भी प्रदेश के डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल का होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि यदि कोई वरिष्ठ अधिकारी डीजीपी पद पर नियुक्त होते हैं और उनकी रिटायरमेंट की तारीख नई नियुक्ति के बाद छह महीने से कम समय में होती है, तो भी उनका कार्यकाल दो साल तक ही होगा। यह नियम डीजीपी पद पर नियुक्ति को स्थायित्व और मजबूती देने के उद्देश्य से लाया गया है ताकि पुलिस प्रमुख की कार्य प्रणाली में निरंतरता बनी रहे और कोई भी अफसर सिर्फ कुछ महीनों के लिए नियुक्त न हो।
क्यों बाहर हुए शैलेष सिंह और सुधीर कुमार शाही…
दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों-शैलेष सिंह और सुधीर कुमार शाही-को वरिष्ठता के बावजूद डीजीपी के पैनल से बाहर कर दिया गया। इसका कारण है कि दोनों अधिकारियों के पास नए डीजीपी पद के कार्यकाल के दौरान केवल छह महीने से कम समय का कार्यकाल बचा था।
1. शैलेष सिंह, जो 1987 बैच के अधिकारी हैं, फरवरी 2025 में रिटायर होंगे।
2. सुधीर कुमार शाही, जो 1988 बैच के अधिकारी हैं, जनवरी 2025 में रिटायर होंगे।
3. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार, जब तक किसी अफसर के पास कम से कम दो साल का कार्यकाल न हो, तब तक उसे डीजीपी के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता। इसीलिए, ये दोनों अधिकारी वरिष्ठ होने के बावजूद पैनल से बाहर कर दिए गए।
सुधीर सक्सेना का कार्यकाल…
मध्य प्रदेश के वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना का कार्यकाल 30 नवंबर, 2023 को समाप्त हो रहा है। इसके बाद नए डीजीपी को पदभार ग्रहण करना होगा। सरकार इस चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि नए डीजीपी को एक दिसंबर से कार्यभार सौंपा जा सके।