Loksabha Election 2024: जानिए गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट का इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट है। देश की राजधानी दिल्ली से सटे होने के चलते इस सीट को बेहद हाई प्रोफाइल क्षेत्र माना जाता है। साल- 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट पहली बार अस्तित्व में आई थी। जिसके बाद साल- 2009 में यहां पहली बार चुनाव हुआ था और बहुजन समाज पार्टी के सुरेंद्र सिंह ने बीजेपी के महेश शर्मा को शिकस्त दी थी।
वहीं साल- 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के महेश शर्मा ने जोरदार वापसी करते हुए इस सीट पर जीत हासिल की थी। जिसके बाद साल- 2019 में भी उन्होंने जीत का सिलसिला बरकरार रखा और बसपा के सतवीर नागर को 3 लाख से भी ज्यादा वोटों से मात दी। यानि गौतमबुद्ध नगर से अभी तक तीन बार लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो सके हैं, जिनमें पहली बार साल- 2009 में बसपा ने बाज़ी मारी थी और साल- 2014 और साल-2019 में भाजपा ने अपना परचम लहराया था
हरियाणा और दिल्ली से सटा है, गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट का क्षेत्र
गौतमबुद्ध नगर की लोकसभा सीट साल- 1957 तक बुलंदशहर लोकसभा के अंतर्गत आती थी। फिर साल- 1962 में हुए तीसरे लोकसभा चुनाव में खुर्जा लोकसभा सीट का गठन किया गया और इसे खुर्जा में शामिल कर दिया गया। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें गौतमबुद्ध नगर जिले के अंतर्गत आने वाली नोएडा, जेवर और दादरी है तो वहीं बुलंदशहर जिले के अंतर्गत आने वाली खुर्जा और सिकंदराबाद विधानसभा की सीटें भी गौतमबुद्ध नगर लोकसभा में ही आती है।
गौतमबुद्ध नगर से तीन विधान सभा तो बुलन्दशहर से 2 विधानसभा की सीटें मिलकर लोकसभा गौतमबुद्ध नगर का किया गया है, गठन
साल- 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा की सभी पांच सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थीं। इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में भी गौतमबुद्ध नगर लोकसभा की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा का ही कब्जा रहा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह भी इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली नोएडा विधानसभा सीट से ही दो बार के विधायक है।
लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट पर मतदाताओं की संख्या
साल- 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा की सभी पांच सीटें पर मतदाताओं की संख्या- 26 लाख, 20 हज़ार है। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 14 लाख, 21 हज़ार है, तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 11 लाख, 98 हज़ार है। एनसीआर की वजह से गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में मतदाताओं की संख्या अधिक है।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी के सुरेंद्र सिंह ने 2 लाख, 45 हजार, 613 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। वहीं महेश शर्मा 2 लाख, 29 हज़ार, 709 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। जबकि समाजवादी पार्टी के नरेंद्र 1 लाख, 18 हज़ार, 584 वोट पाकर तीसरे स्थान पर थे।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर भाजपा के महेश शर्मा 5 लाख, 99 हज़ार, 702 वोट पाकर विजयी रहे थे। उन्होंने सपा के नरेंद्र भाटी को 2 लाख, 80 हजार वोटो के भारी अंतर से मात दी थी। सपा के नरेंद्र भाटी 3 लाख, 19 हज़ार, 490 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि तीसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी के सतीश कुमार को महज 1 लाख, 98 हज़ार, 237 वोट ही मिले थे।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा के डॉ महेश शर्मा ने बाजी मारी और सपा के सतवीर नागर को 3 लाख, 36 हजार वोटों के भारी अंतर से हराया। भाजपा के महेश शर्मा को कुल 8 लाख, 30 हजार, 812 वोट मिले थे तो वहीं सपा के सतवीर नागर 4 लाख, 93 हजार, 890 वोट। कांग्रेस से डॉ अरविंद कुमार सिंह को महज 42 हजार वोट ही मिल सके और वह तीसरे नंबर पर रहे।
गौतमबुद्ध नगर के चुनावी मैदान में 15 प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए भर रहे हैं, दम
संसदीय सीट गौतमबुद्ध नगर से 41 उम्मीदवारों ने नामांकन किया, जिसमें 15 प्रत्याशियों का पर्चा वैध हो सका था और 26 पर्चे अवैध हो गए थे। रिटर्निग ऑफिसर ने 15 प्रत्याशियों सहित एक बटन नोटा के लिए सुरक्षित मानकर सिर्फ एक मशीन से गौतमबुद्ध नगर का चुनाव कराया जा सके, इसलिए 26 नामांकन रद्द कर दिए। ऐसा आरोप गौतमबुद्ध नगर के 26 उम्मीदवारों ने लगाये हैं। जबकि भारत निर्वाचन आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी उम्मीदवार का नामांकन छोटी-मोटी खामियों की वजह से निरस्त न किया जाये, परन्तु अपनी सुविधा के मद्देनजर रिटर्निग ऑफिसर ने एक दो नहीं बल्कि 26 नामांकन रद्द कर इसका उदहारण पेश किया है।
भाजपा के प्रत्याशी डॉ महेंद्र शर्मा लगा पायेंगे हैट्रिक…
गौतमबुद्ध नगर से पिछले दो बार से भाजपा के प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा सांसद निर्वाचित होते रहे हैं। उनकी उम्मीदवारी की घोषणा से पहले चर्चा हो रही थी कि इस बार हो सकता है कि भाजपा किसी और पर दाव लगाएं। पर ऐसा नहीं हो पाया। भाजपा ने डॉ महेश शर्मा पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा है। डॉ महेश शर्मा की अलग-अलग सोसाइटीज में मजबूत पकड़ बताई जाती है। डॉ महेश शर्मा खुद ग्रामीण इलाकों को कवर कर रहे हैं, लेकिन इस बीच उनका किसान और ठाकुर समाज में विरोध भी हो रहा है। इस विरोध का उन पर क्या असर पड़ेगा मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा।
सपा और कांग्रेस गठबंधन में कई सीटों पर उम्मीदवार बदलने से हो सकता हैं, गठबंधन के उम्मीदवार को नुकसान
वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार में दो बार उलटफेर हुआ जो प्रत्याशी को कमजोर करता है। सपा ने पहले डॉ महेंद्र नागर को चुनावी मैदान में उतारा था। बाद में कांग्रेस ने राहुल अवाना को अपना प्रत्याशी बने था। बाद में कांग्रेस और सपा में आम सहमति बनने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी राहुल अवाना का टिकट काटकर सपा के प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर का नाम फाइनल किया गया। इससे सपा और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार की स्थिति कमजोर हुई और मतदाताओं में छवि कमजोर हुई। फिर भी डॉ महेंद्र नगर को गुर्जर, ठाकुर और मुस्लिम के साथ साथ दलित कितना स्पोर्ट करेंगे इस पर ही उनकी जीत निर्भर करती है।
बसपा उम्मीदवार राजेंद्र सोलंकी सिकंदराबाद से चुके हैं, विधायक
हालांकि चर्चाएं हैं मुस्लिम मतदाता भाजपा पर भी कुछ प्रतिशत जा सकता है। बसपा उम्मीदवार राजेंद्र सोलंकी को राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है। सिकंदराबाद से विधायक भी रह चुके हैं। कहा जा रहा है कि राजेंद्र सोलंकी को ठाकुर समाज का अच्छा खासा समर्थन मिल रहा है। तो सवाल यही है बसपा के वोट बैंक और ठाकुर समाज के समर्थन से गौतमबुध नगर लोक सभा सीट परचम लहराया जा सकता है ? राजेंद्र सोलंकी सिकंदराबाद, खुर्जा में दमदारी से प्रचार कर रहे है, मगर दादरी पहुंचते पहुंचते उनका प्रचार तंत्र कमजोर दिखने लगता है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सोसाइटीज में फिलहाल कुछ लोग होंगे जो जानते होंगे राजेंद्र सोलंकी नाम के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में है।
ठाकुर, ब्राह्मण और गुर्जर मतदाताओं का गौतमबुद्ध नगर संसदीय सीट पर है, वर्चस्व
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर हमेशा से ठाकुर, ब्राह्मण और गुर्जर मतदाताओं का वर्चस्व रहा है। मुस्लिम और दलित मतदाता भी इस सीट पर अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में यहां दूसरे चरण में मतदान होना है। जिसके लिए भाजपा की ओर से एक बार फिर डॉ महेश शर्मा मोर्चा संभालेंगे। तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने राहुल अवाना को चुनावी मैदान में उतारा है।
गौतमबुद्ध नगर की लोकसभा सीट पर बसपा ने राजेंद्र सिंह सोलंकी को अपने उम्मीदवार के रूप में उतारा है। बसपा के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी के चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही इस लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। क्या इस बार होने वाले चुनाव में यहां उलटफेर होगा या एक बार फिर से भाजपा के महेश शर्मा का सिक्का चमकेगा ? इन सभी सवालों के जवाब 4 जून को आपके सामने होंगे।