चेन पुलिंग के बाद सवार हुई मौत,आरपीएफ जवानों के साथ 18 मिनट हत्यारों ने खेला खूनी खेल
गाजीपुर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ जवान मो़हम्मद जावेद और प्रदीप कुमार की नृृशंस तरीके से हुई हत्या से रेल महकमा हिल गया है। घटना हुए लगभग 36 घंटे से अधिक का समय बीत गया,लेकिन पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लगा।अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि धीना में चेन पुलिंग के बाद हत्यारे चढ़े और हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद दोनों को अलग-अलग गेट से फेंक दिया।
पुलिस का मानना है कि इस घटना को अंजाम देने में संभवत: शराब तस्करों का हाथ होगा।वैसे पुलिस तस्करों के साथ अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रही है। इस मामले में जावेद के भाई तबरेज ने अज्ञात के खिलाफ गहमर थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। आरपीएफ के मोकामा ट्रेनिंग सेंटर जाने के लिए जवान जावेद निवासी दवैथा और प्रदीप कुमार निवासी करका भोजपुर मंगलवार-बुधवार रात 12़:41 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन से गुवाहाटी एक्सप्रेस के बी-3 कोच में सवार हुए। ट्रेन अपने निर्धारित समय से खुल गई। 32 मिनट में धीना स्टेशन पहुंची तो अचानक चेन पुलिंग होने से गाड़ी रुक गई। लगभग सात मिनट गाड़ी रुकी रही। इसके बाद 18 मिनट में बकैनिया गांव के पास पहुंची। इसी 18 मिनट में जवानों के साथ अनहोनी हुई। हत्यारों ने इतने समय में उन्हें बेरहमी से मारा-पीटा और हत्या के बाद निर्वस्त्र कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिए।
आरपीएफ आरक्षी मो. जावेद के भाई तबरेज की तहरीर पर गहमर थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
पुलिस पीडीडीयू स्टेशन से लेकर गुवाहाटी एक्सप्रेस के बी-3 कोच के यात्रियों से हत्याकांड का क्लू तलाश करेगी।इसके लिए जनपद पुलिस की टीमें पीडीडीयू जंक्शन भेजी गई है, ताकि वहां के सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से हत्याकांड का सुराग लगाया जा सके।- डॉ. ईरज राजा एसपी
बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ जवान मोहम्मद जावेद और प्रदीप कुमार की नृशंस तरीके से हत्या कर शवों को दिल्ली-कोलकाता मुख्य रेल मार्ग पर बकैनिया गांव के पास आठ सौ मीटर के फासले पर अप व डाउन लाइन में फेंक दिया गया था।एक का शव पूरी तरह से नग्न था पैर में सिर्फ मोजा था।दोनों के सिर पीठ और कोहनी पर चोट के निशान थे।