क्राइम ब्रांच ने फर्जी महिला एसडीएम को किया गिरफ्तार पीएससी में असफल होने के बाद ठगी का कर रही थी धंधा
इंदौर क्राइम ब्रांच ने फर्जी महिला एसडीएम को गिरफ्तार किया है। पीएससी में असफल होने के बाद महिला ठगी का धंधा कर रही थी। इसके बाद फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को नौकरी लगवाने का झांसा देकर कई लोगों से लाखों रुपए की ठगी की। शातिर महिला ने गनमैन, ड्राइवर और किराए पर गाड़ी भी रखी थी, जिससे लोगों पर रौब झाड़ सके। महिला बाल विकास अधिकारी और पीडब्ल्यूडी अधिकारी बनकर ठगी करती थी। महिला मूलतः सागर की रहने वाली है। इंदौर क्राइम ब्रांच महिला से पूछताछ कर रही है। पीएससी में असफल होने के बाद फर्जी एसडीएम बनकर रौब दिखाकर ठगी करने वाली महिला को इंदौर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। महिला एसडीएम बन कर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही थी। महिला के पास से फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुआ है। महिला ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के नाम से भी फर्जी नियुक्ति पत्र बना चुकी है। महिला ने कई फरियादियों को नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए का चूना लगाया है।
इंदौर क्राइम ब्रांच डीपीपी मनीष अग्रवाल ने कहा कि फर्जी एसडीएम नीलम पाराशर मूलता सागर की रहने वाली है। इंदौर के तेजाजी नगर थाना क्षेत्र में रह रही थी। महील ने कपड़ा व्यापारी से कपड़े खरीदे । उसे 70 हज़र रुपए नहीं लौटा रही थी। अपने आप को एसडीएम बताकर व्यापारी पर रौब झाड़ने लगी। व्यापारी को शक होने पर उसने पूरे मामले की शिकायत इंदौर क्राइम ब्रांच में कर दी। इंदौर क्राइम ब्रांच जब महिला से पूछताछ की तब पूरे मामले का खुलासा हुआ। महिला ने कई लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की है।महिला के पास से इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के नाम का एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी पुलिस को मिला है। इसके साथ ही कई तरह के आदेश पत्र इंदौर क्राइम ब्रांच ने महिला के पास जब्त किया है। महिला ने एसडीएम बनने के लिए पीएससी की तैयारी भी की थी। हालांकि जब सफल हुई तो महिला ने लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया। इंदौर क्राइम ब्रांच महिला से कड़ाई से पूछताछ में जुटी हुई है।