ताजिया जुलूस को लेकर शिया-सुन्नी में हुआ भारी बवाल, 40 से ज्यादा हुए घायल, कई वाहन हुए क्षतिग्रस्त
वाराणसी में पुलिस की सतर्कता और सुरक्षा की घेरेबंदी धरी की धरी रह गई। जैतपुरा इलाके के दोषीपुरा में मुहर्रम के जुलूस के दौरान भारी बवाल हो गया। ताजिया जुलूस निकालने को लेकर शिया और सुन्नी में विवाद हो गया। विवाद ने उग्र रूप ले लिया और जमकर संघर्ष हुआ।मारपीट के बाद जमकर पथराव हुआ। ईंट-पत्थर के साथ ही हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। इस बवाल में 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पुलिस की जीप और मौके पर खड़ी 20 से अधिक मोटरसाइकिल में तोड़फोड़ की गई। ताजिया भी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस के मौके पर पहुंचने पर भी जमकर पत्थरबाजी होती रही। पुलिस ने जब लाठी चटकाना शुरू किया तब उपद्रवी भागे। बवाल की सूचना पाकर मौके पर पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन पुलिस अधिकारियों, कई थानों की पुलिस, एआरएफ और पीएसी जवानों के साथ पहुंचे। पुलिस जब मौके पर पहुंची दो दोनों तरफ से जमकर पथराव हो रहा था। पुलिस ने खुद को बचाते हुए दोनों पक्षों को खदेड़ने की कोशिश की तो माहौल और बिगड़ गया।
दोषीपुरा ढाई घंटे तक बना रहा रणक्षेत्र…
मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने वरुणा और गोमती जोन से भी पुलिस फोर्स को मौके पर बुलाया। पुलिस ने दोषीपुरा मैदान सहित आसपास के इलाके को घेरकर उपद्रव कर रहे लोगों पर रपटा कर जमकर लाठी चटकाई। लगभग दो बजे शुरू हुआ बवाल ढाई घंटे बाद 4:30 पुलिस ने काबू पाया।पथराव में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए पुलिस ने मंडलीय चिकित्सालय सहित अन्य अस्पतालों में भेजा।
कई ताजिया भी क्षतिग्रस्त, सिया समुदाय के लोगों ने शुरू किया प्रदर्शन…
पथराव के कारण सिया समुदाय और सुन्नी समुदाय की कई ताजिया भी क्षतिग्रस्त हो गई। सिया समुदाय के लोगों ने ताजिया को करबला ले जाने से मना कर दिया और मौके पर ही धरना देने लगे। पुलिस कमिश्नर ने लोगों से बातचीत कर ताजिया उठाने की बात कही, लेकिन इसके बावजूद भी लोग नहीं माने। खबर लिखे जाने तक मौके पर भारी पुलिस फोर्स मौजूद है और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों की बाइकों को किया क्षतिग्रस्त…
शिया और सुन्नी समुदाय के बीच हुए बवाल में पीएससी कैंप और पुलिसकर्मियों की मोटरसाइकिल भी उपद्रव की भेंट चढ़ गई। उपद्रव कर रहे कुछ युवकों ने पीएसी कैंप और मौके पर खड़ी पुलिसकर्मियों की मोटरसाइकिलों में जमकर तोड़फोड़ की। पथराव और उपद्रवियों की भीड़ देख पीएसी के जवान और पुलिस को भी पीछे हटना पड़ गया था।