पुलिस के संरक्षण में नशे का फल फूल रहा है कारोबार, पति जेल में होता है तो स्मैक और गांजा की आपूर्ति से लेकर बिक्री तक पूरे दायित्व का घर की महिलाएं कर रही हैं, निर्वहन
प्रतापगढ़। एक दौर था जब घर की महिलाएं गलत काम करने से परहेज करती थी और अपनी इज्जत से उसे जोड़कर देखती थी, परन्तु आधुनिकता की चकाचौध में अब घर की महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं हैं। जनपद प्रतापगढ़ में नशे के कारोबार की बात करें तो कंधई थाना के रखहा बाजार में शंकर नाम का ब्यक्ति गांजा का कारोबार करके अकूत सम्पत्ति बनाई। पुलिस जब उसे जेल भेज देती तो उसकी पत्नी और बेटियां इस धंधे को संचालित करने लगती। एजेंट गांजा की सप्लाई कर देता था और शंकर के परिजन उसे बेंचा करते थे। अब रखहा के अतिरिक्त गांजा का कारोबार कंधई थाना के ताला बाजार में भी होने लगा है। इस समय ताला बाजार गांजा बिक्री का केंद्र बन चुका है। स्मैक का हब बैजलपुर तो गांजा का हब ताला गाँव बन चुका है। इसके संचालन में महिलाएं तो पुरुषों को भी पीछे छोड़ चुकी हैं। अपने साड़ी और दुपट्टे में पुड़िया बनाकर ग्राहकों को आसानी से उपलब्ध कराने में इन्हें महारथ हासिल है। शहर में तो कई मुहल्लों में कई महिलाएं घर की छतों से साड़ी लटकाई रहती हैं और ग्मेंराहक जब उसमें रूपया गढ़िया देता है तो महिलाएं उसे खींच लेती हैं और धन के मुताविक नशे का सामान बांधकर उस नीचे लटका देती हैं, जिससे ग्राहक बड़ी आसानी से गाँठ छोड़कर नशे का सामान निकाल कर वहां से नौ दो ग्यारह हो लेता है।
नशे के कारोबार से जुड़े महिला-पुरुष इतने मनबढ़ हो चुके हैं कि अब उनके खिलाफ शिकायत करने वाले और शिकायत को संज्ञान में लेकर खबर प्रकाशित करना अपनी जान जोखिम में डालने जैसा हो गया गया है। ताजा मामला प्रकाश में आया है कि ताला की एक महिला जो कंधई पुलिस के संरक्षण में अपने घर से गांजा बेंचने का कार्य करती है, उस मनबढ़ महिला की हिम्नेमत देखिये कि वह अपने खिलाफ खबर छापने वाले पत्रकार को पहले फोन करके धमकाया, अपने पॉवर का भी एहसास कराया। महिला होने के नाते फेंक मुकदमें में फंसा देने की धमकी भी दिया, फिर धंधा संचालित रहे, इस नाते रिश्ते की दुहाई देकर उसे बख्श देने की फरियाद भी करने लगी। ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जनपद प्रतापगढ़ में स्मैक और गांजा बेंचने में अब पुरुषों के साथ-साथ घर की महिलाएं भी उतर चुकी हैं। जिले में गांजा और स्मैक का प्रत्येक दिन लाखों रुपये का कारोबार किया जाता है। गांजा की खेप उड़ीसा प्रान्त से सीधे ट्रकों से आती हैं। ये किसी का आरोप नहीं बल्कि पुलिस के गुडवर्क में ऐसा कई बार खुलासा किया गया है।
कंधई थाना के रखहा बाजार में शंकर नाम का ब्यक्ति गांजा का कारोबार करके अकूत सम्पत्ति बनाई। पुलिस जब उसे जेल भेज देती तो उसकी पत्नी और बेटियां इस धंधे को संचालित करने लगती। एजेंट गांजा की सप्लाई कर देता था और शंकर के परिजन उसे बेंचा करते थे। अब रखहा के अतिरिक्त गांजा का कारोबार कंधई थाना के ताला बाजार में भी होने लगा है। इस समय ताला बाजार गांजा बिक्री का केंद्र बन चुका है। मजेदार बात यह ही कि इस धंधे में पुरुषों के सहयोग में महिलाएं व उनके बच्चे भी उतर आए हैं। कंधई पुलिस ने साख बचाने के लिए गांजा तस्कर प्रमोद सिंह को जेल भेजा तो उनकी पत्नी अब गांजा बिक्री की कमान सम्भाल लिया है। जिले के तेज तर्राक युवा कप्तान सतपाल अंतिल अपराध नियंत्रण हेतु ताला बाजार में पुलिस चौकी स्थापित किये थे। ताला बाजार में स्थापित पुलिस चौकी पर आम आदमी की सहूलियत की जगह इन दिनों पुलिस चौकी में दलाल, तस्कर व हरे पेड़ काटने वालों सक्कीरिय हैं और पुलिस की निगाह में वही शरीफ और इज्जतदार हैं। इसलिए उनकी बल्ले-बल्ले है।
पट्टी से प्रतापगढ़ के बीच महुली और पिपरी मोड़ के बीच ताला बाजार के लिए सम्पर्क मार्ग निकलता है। अपराध नियंत्रण हेतु ताला बाजार में पुलिस चौकी की स्थापना हुई और उस पुलिस चौकी में तैनात चौकी इंचार्ज और सिपाहियों की बात करें तो उन्हीं के संरक्षण में नशे का कारोबार फल फूल रहा है। क्षेत्र का कोई सम्भान्त ब्यक्ति पुलिस चौकी में तैनात खाकी धारियों से बचना चाहता है। क्योंकि धन कमाने का जुनून इन्हें असभ्य बना दिया है। ये सभ्य ब्यक्त से भी उसी पुलिसिया अंदाज में बात करते हैं। इसलिए आम लोग इनसे दूर होते जा रहे हैं। पत्रकार याशवेंद्र सिंह रानू ने गांजा बिक्री के खिलाफ अपनी कलम के माध्यम से आवाज बुलंद किया तो ताला बाजार की गांजा बेंचने वाली महिला ने फोन पर ही उन्हें धमकी दे डाली। बाद में उसने रिश्तों की दुहाई देकर अपने धंधे में दखल न देने की फरियाद भी की। यक्ष प्रश्न यह है कि क्या कंधई पुलिस जानबूझकर अपने साफ छवि के पुलिस अधीक्षक को बदनाम कर रही है…???