चंडीगढ़: हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। जिसमें से एक पर बीजेपी के प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार तो दूसरी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत हुई है। कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अजय माकन का खेल आंकड़ों के गणित में कुछ ऐसा खराब किया कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा कांग्रेस ने तो उनको पहले बधाई दे दी थी, लेकिन बाद में जब हार मिली तो बधाई के ट्वीट भी गायब हो गए। वोटिंग को लेकर हुए विवाद में चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक माथापच्ची हुई, जिसके कारण शाम 5 बजे होने वाली मतगणना रात 12.30 तक होती रही।
आइये जाने किसको कितने मिले मत…
आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण पंवार की जीत पहले से तय मानी जा रही थी, क्योंकि उन्हें जीत के लिए 31 वोटों की जरूरत थी, जबकि बीजेपी के 40 विधायक हैं। कृष्ण लाल पंवार को फर्स्ट प्रिफरेंस 36 वोट मिले, अजय माकन को 29 वोट, जबकि कार्तिकेय शर्मा को 23 वोट मिले। इसके साथ ही कांग्रेस का एक वोट रद्द भी हुआ, जबकि कुलदीप बिश्नोई का वोट भी निर्दलीय के समर्थन में गया। वहीं निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने वोट नहीं डाला।
कार्तिकेय शर्मा की जीत का फॉर्मूला…
कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन को 2900 वोट मिले. जबकि भाजपा उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार को 3600 वोट मिले हैं। कृष्ण लाल पंवार को जीत के लिए 2934 वोट चाहिए थे। ऐसे में 3600 वोट में से 666 वोट कार्तिकेय शर्मा को मिल गए, क्योंकि वे उन वोट के सेकंड प्रिफरेंस में थे। पहले से कार्तिकेय शर्मा को मिले 2300 वोट में 666 जोड़ने पर कुल 2966 वोट कार्तिकेय शर्मा को मिले। ऐसे में 2900 वोट पाने वाले अजय माकन कार्तिकेय शर्मा से चुनाव हार गए। दरअसल वोट के दौरान पहली और दूसरी प्रिफरेंस देनी होती है कृष्ण लाल पंवार को मिले वोट में दूसरी प्रिफरेंस कार्तिकेय शर्मा थे। जिसके चलते 666 वोट उन्हें मिले।
कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा का बयान…
नतीजों के बाद कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और जेजेपी समर्थित कार्तिकेय शर्मा चुनाव जीते हैं। हालांकि पहले बीबी बत्रा ने भी अजय माकन को ट्विटर पर बधाई दे दी थी। उनके मुताबिक कार्तिकेय शर्मा को 2966 और कांग्रेस के अजय माकन को 2900 वोट मिले। वरीयता के खेल में कार्तिकेय शर्मा को जीत मिली. उनके मुताबिक कांग्रेस का एक वोट अवैध होने से बाजी पलट गई। सेकेंड प्रिफरेंस के हिसाब से निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की राज्यसभा के चुनाव में जीत हुई। बीबी बत्रा ने कहा कि थोड़ा मिसकम्युनिकेशन हुआ था, जिसकी वजह से हरियाणा कांग्रेस ने अजय माकन को ट्विटर पर बधाई दे दी थी।
आधी रात को शुरू हो सकी मतगणना…
बीजेपी ने बीबी बत्रा और किरण चौधरी के वोट रद्द करने की मांग उठाई, जिसके कारण हरियाणा में दोनों राज्यसभा सीटों की मतगणना समय पर नहीं हो पाई। 4 बजे तक वोटिंग के बाद 5 बजे मतगणना का समय रखा था, लेकिन काउंटिग शुरू होने में आधी रात हो गई। सारा विवाद सुलझने के बाद रात 12:35 बजे मतगणना शुरू हो पाई।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने दी बधाई…
जैसे ही बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को जीत मिली तो सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दोनों प्रत्याशियों को ट्वीट कर बधाई दी। सीएम मनोहर लाल तो देर रात विधानसभा पहुंचे और दोनों जीते हुए उम्मीदवारों का मुंह मीठा करवाया। निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के पुत्र हैं और जेसिका लाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनु शर्मा के छोटे भाई हैं और पूर्व राष्ट्रपति स्व शंकर दयाल शर्मा के नाती हैं।
दिन भर कुछ ऐसी थी, हलचल…
10 जून को हुए मतदान में सुबह से ही हलचल बनी हुई थी। एक तरफ जहां न्यू चंडीगढ़ के एक रिसॉर्ट से वोट डालने के लिए बीजेपी, जेजेपी और निर्दलीय विधायक दो बसों में सवार होकर विधानसभा पहुंचे। वहीं पिछले करीब एक सप्ताह से छत्तीसगढ़ के रायपुर के एक रिजॉर्ट में रह रहे कांग्रेस के विधायक भी वोट डालने के लिए बस से सीधे विधानसभा पहुंचे। मतदान के दौरान हर दल अपनी जीत का दावा करता रहा।
किरण चौधरी और बीबी बत्रा के वोट को लेकर विवाद…
हरियाणा में दोनों राज्यसभा सीटों के लिए हुए मतदान में कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और बीबी बत्रा की वोट को लेकर विवाद हो गया। कहा गया कि उन्होंने अपने पोलिंग एजेंट को वोट दिखाने के साथ-साथ अन्य को भी दिखाया है, जिसकी वजह से उनके वोट को रद्द करने की मांग की गई। यह विवाद चुनाव आयोग तक पहुंचा तो वोटिंग का वीडियो फुटेज चुनाव आयोग को भी भेजी गई। इस मामले को लेकर जहां बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला तो वहीं कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने भी चुनाव आयोग से मुलाकात की। चुनाव आयोग ने दोनों कांग्रेस विधायकों के वोट को वैध माना और रद्द नहीं किया। इस फैसले के बाद मध्य रात्रि को मतगणना शुरू हो पाई।
माकन की हार, हुड्डा या कुलदीप बिश्नोई पर पड़ेगी भारी…
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली इस हार का असर आने वाले वक्त में देखने को मिल सकता है. सवाल है कि क्या इस हार का ठीकरा भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर फूटता है या फिर कुलदीप बिश्नोई पर ? क्योंकि अजय माकन को जीत दिलाने की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की थी। हालांकि विधायकों को एकजुट रखने से लेकर हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए रायपुर शिफ्ट करने तक हुड्डा ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। लेकिन उसका फायदा पार्टी को नहीं मिल पाया। वहीं कुलदीप बिश्नोई द्वारा अपना वोट निर्दलीय उम्मीदवार को देने के बाद क्या हाईकमान उन पर कोई कार्रवाई करेगा ? आने वाले समय में यह देखना भी दिलचस्प होगा।
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने नहीं किया मतदान…
9 जून को मतदान से पहले बलराज कुंडू ने कहा था कि वो वोटिंग से पहले बताएंगे की किसे वोट देंगे। लेकिन उन्होंने वोट नहीं डाला और इसके लिए कांग्रेस और बीजेपी को जिम्मेदार बताया। उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त, कांग्रेस के बाहरी उम्मीदवार और बीजेपी-जेजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए वोट ना देने का फैसला लिया। बलराज कुंडू को मनाने के लिए प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओपी धनखड़ भी उनके आवास गए लेकिन बलराज कुंडू ने किसी की नहीं सुनी और अपने वोट का इस्तेमाल नहीं किया।
राज्यसभा के नतीजों ने दिलाई साल- 2016 की याद…
जिस तरीके से दिनभर हरियाणा की दो राज्यसभा सीटों के लिए हलचल राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ चुनाव आयोग तक रही उसने एक बार फिर जून, 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव की याद दिला दी। जब स्याही कांड की वजह से कांग्रेस पार्टी के 14 वोट रद्द हो गए थे और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे जी समूह के स्वामी सुभाष चंद्रा चुनाव जीत गए थे। इस बार भले ही स्याही कांड न हुआ हो, लेकिन हालात कुछ वैसे ही बने रहे।